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डॉक्‍टरों ने सर्जरी कर एक माह के बच्‍चे के पेट से निकाला भ्रूण


ग्वालियर.शहर के निजी अस्पताल में 35 दिन के नवजात शिशु के पेट से ऑपरेशन कर बच्चे की आकृति वाले भ्रूण को निकाला गया है। भ्रूण का वजन 200 ग्राम है, जो एक से सवा माह का बताया गया है। भ्रूण का सिर, लिवर, रीढ़ की हड्डी, प्लेसेंटा अंग पूरी तरह बन चुके थे। सिर्फ भ्रूण में जान नहीं थी। वहीं जिस बच्चे का ऑपरेशन किया गया, वह पूरी तरह स्वस्थ है।

डॉक्टर ने जताई थी पेट में गठान होने की आशंका
- दतिया निवासी आकाश करोठिया की पत्नी प्रियंका ने झांसी के निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जन्म के समय बच्चे का पेट फूला हुआ था। डॉक्टर ने पेट में गठान होने की आशंका जताई। परिजन ने उसे 3 जून को बीआईएमआर हॉस्पिटल में भर्ती कराया, तब बच्चे की उम्र मात्र 28 दिन थी।

- पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.अमित अग्रवाल को जांच के दौरान पता लगा कि बच्चे के पेट में विकसित भ्रूण है। भ्रूण के सिर, लिवर, रीढ़ की हड्डी, प्लेसेंटा आदि अंग पूरी तरह बन चुके हैं। सिर्फ उसमें जान नहीं है।

- डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए एक सप्ताह इंतजार किया। बच्चे की उम्र 35 दिन होने पर गत रविवार को डेढ़ घंटे चले ऑपरेशन के बाद बच्चे के पेट से भ्रूण को निकाल दिया गया।

5 लाख में से एक नवजात में होती है फिट्स इन फीट बीमारी
बीआईएमआर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, मां के गर्भ में जब दो भ्रूण हों और एक की मौत हो जाए। मरा हुआ भ्रूण अगर जीवित भ्रूण के पेट में चला जाए, तब यह स्थिति बनती है। आमतौर पर इस तरह का केस 5 लाख नवजात में से एक में ही देखने को मिलता है। दुनियाभर में इस तरह के अब तक 200 मामले सामने आए हैं। भारत में करीब 25 केस में बच्चे के पेट से भ्रूण निकाला गया है। इस बीमारी को फिट्स इन फीट कहा जाता है।

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