12 साल में एक बार खिलता है ये फूल....
दुनिया में शायद ही ऐसा कोई होगा जो कुंभ के मेले के बारे में नहीं जानता हो। कुंभ का मेला 12 साल में एक बार लगता है। लेकिन क्या कभी किसी ऐसे फूल के बारे में सुना है जो कुंभ की ही तरह 12 साल बाद बस कुछ दिनों के लिए ही खिलता है।
दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटी में एक अजीब फूल की प्रजाति है, जो खिलने में 1 से 16 साल लगाती हैं। इनहीं में से एक नीलकुरिंजी फूल 12 साल में एक बार खिलता है।
हर 12 साल में खिलने वाले नीलकुरिंजी पौधे में जुलाई में फूल 2018 आने शुरू हो जाएंगे। इस फूल का वैज्ञानिक नाम स्ट्रोबिलैंथस कुंथियाना है जो हल्के बैंगनी नीले रंग का होता है। इस फूल को देखने के लिए अभी से लोगों ने प्लान बना लिया है। आप भी जानिए क्या है इस फूल की खासियत और देश के किस हिस्से में खिलने जा रहा है ये अनोखा फूल।
केरल में खिलता है नीलकुरिन्जी फूल...
वैसे तो आपने आज तक बहुत से फूल देखें होंगे लेकिन 12 साल में एक बार खिलने वाले फूल की खासियत और लोगों के बीच इसका चार्म हमेशा ही अलग होता है। खुबसूरत केरल राज्य के मुन्नार में हर 12 साल पर नीलकुरिन्जी फूल खिलता है।
इसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से लोग यहां आते हैं। केरल की स्थानीय भाषा में नीला का तात्पर्य रंग से है और कुरिन्जी फूल का स्थानीय नाम है।
केरल पर्यटन की ओर से जारी बयान के अनुसार, नीलकुरिन्जी (स्ट्रोबिलांथेस कुंथियाना) प्राय: पश्चिमी तटों पर पाया जाता है और 12 साल में एक बार खिलता है। यह एक दशक लंबा चक्र इसे दुर्लभ बनाता है।
तीन महीने तक खिलेगा फूल...
पिछली बार यह 2006 में खिला फूल इस साल फिर से खिला रहे हैं जो लगातार 3 महीने तक खिले रहेंगे। भारत में इस फूल की कुल 46 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें सबसे ज्यादा इनकी संख्या मुन्नार में ही है। जुलाई की शुरुआत में नीलकुरिन्जी के खिलने के बाद अगले तीन माह तक पहाडिय़ां नीली दिखेंगी। जिसे देखने और फोटोग्राफी करने लोग दूर से आते हैं।
इस साल 79 फीसदी यात्रियों की बढऩे की है उम्मीद...
मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार केरल के पर्यटन विभाग के निदेशक पी. बाला किरण ने कहा है कि मुन्नार जाने के लिए नीलकुरिन्जी के खिलने से बेहतर कोई समय नहीं है।
साल 2017 में 628,427 पर्यटक मुन्नार आए थे, जो कि 2016 के 467,881 पर्यटकों की तुलना में 34.31 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष मुन्नार में पर्यटकों की संख्या में 79 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।