पेड़ से निकलता है जादुई पानी, ठीक हो जाते है कई रोग
नूंह। प्रकृति की गोद में बहुत से रहस्य छुपे हुए है। इनमें से कुछ रहस्य तो ऐसे है जिनके बारे में विज्ञान भी इनके बारे में पता नहीं लगा पाई है। उन्हीं रहस्य में से एक जानकारी आपके सामने लेकर आए है जहां एक ऐसा पेड है जिससे निरंतर पानी बहता रहता है।
हरियाणा के नूंह जिले से केवल 3 किलोमीटर दूर, प्राचीन अरावली पर्वतमाला की जड़ों में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर अरावली पहाड़ से करीब 100 मीटर की ऊंचाई पर कंदब के पेड़ से कुदरती तौर पर, अपने-आप पानी निकलता है। इस पेड के बारे में आज तक कोई भी इस बात का पता लगाने में कामयाब नहीं हो सका है कि आखिर ये पानी आता कहां से है! लेकिन उससे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि पेड़ से टपकने वाला ये पानी साल के 365 दिन बहता रहता है।
ये पानी ना तो मौसम का मोहताज है और ना ही इसे इस बात की ही परवाह है कि मेरे पानी को कौन पी रहा है, बस ये तो सदियों से अपनी धुन में बहता जा रहा है।
पेड़ से निकलने वाले इस चमत्कारी पानी को लोग अपने घरों को ले जाते हैं। लोगों का ऐसा यकीन है कि इस पानी से चर्म रोग हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। गौरतलब है कि स्थानीय लोग इस मंदिर को नल्हड़ेश्वर मंदिर के नाम से जानते-पहचानते हैं और आदर के साथ मानते भी हैं।
स्थानीय लोगों की मानें तो यही मंदिर एक जमाने में पांडवकालीन शिव मंदिर के नाम से मशहूर था, लेकिन अरावली की जड़ों में बसे मुस्लिम आबादी वाले नल्हड़ गांव के निवासियों ने इस मंदिर को गांव के साथ जोड़ते हुए नल्हड़ेश्वर मंदिर का खिताब दे दिया। हालांकि अभी भी दूर-दराज के पर्यटक इसको पांडवकालीन शिव मंदिर के रूप में ही ज्य़ादा जानते हैं।
ऐसी मान्यता भी है कि पांडवों ने वनवास के दौरान अरावली की इन्हीं खूबसूरत पहाडिय़ों में काफ़ी दिन बिताए थे। ये भी विश्वास है कि उसी समय से यहां शिवलिंग मौजूद है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस भौगोलिक रूप से प्राचीन मंदिर में हर साल मेला लगता है, इस मेले में आस-पास के तमाम समुदायों के लोग शिरकत करते हैं।