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यहॉं रहती है परियॉं, पहाड़ी पर बसा है परियों का देश


प्रकृति रहस्य और रोमांचक जानकारियों से भरी हुई है। आज हम आपको एक ऐसी रोमांचक जानकारी के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुन आप शायद यकीन ना करें लेकिन यह सच है। बचपन में हमसब ने दादा-दादी या नाना नानी से परियों की कहानी तो सुनी ही होगी जो पूरी तरह से काल्पनिक और मनगढंत हुआ करती थी। लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जहां वास्तव में परियों के आने के दावे किए जाते है। 

खैंट पर्वत उत्तराखंड...
दरअसल उत्तराखंड टिहरी जिले में स्थित दस हजार फिट ऊंचे खैंट पर्वत के बारे में कहा जाता है कि यहां के हर हिस्से में अनेको रहस्य छिपे हुए हैं। यहां देश-विदेश से इंसान ही नहीं बल्कि कई दिव्य शक्तियां भी आती है। इस पर्वत पर बनी खैंटखाल मंदिर में देवियों यानि परियों का निवास स्थान माना जाता है।

वैज्ञानिक भी हो गए हैरान...
इस पर्वत की ऊंचाई समुद्रतल से एक हजार फीट है जिसे परियों की दुनिया के रूप में जाना जाता है। इस पहाड़ पर ऐसे रहस्य हैं जिन्हें सुलझाने के लिए अमेरिका की मैसाच्युसेट्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी रिसर्च की और वे यह जानकर हैरान रह गए। उनका मानना था कि जगह पर अजीब सी शक्तियां निवास करती है।

पहाड़ी पर देवी के रूप रहती अदृश्य नौ बहनें...
उत्तराखंड के टिहरी जिले के फेगुलीपट्टी में स्थित थात गांव से 5 किलोमीटर की दूरी पर एक मंदिर है जिसे खैंट खाल के नाम से जाना जाता है ऐसा कहा जाता है कि खैंट पर्वत की नौ श्रंखलाओं में नौ देवियां वास करती हैं। जो आपस में बहनें हैं और आज भी यहां अदृश्य रूप में निवास करती हैं।

स्थानीय लोगों द्वारा इनको आछरी या भराड़ी नाम दिया गया है। इन परियों की पूजा करने आए श्रद्धालुओं के लिए वहां धर्मशालाएं बनाई गई हैं। वहीं कुछ ऐसी बातें हैं जो इस रहस्य को खुद ही बयान करती हैं जैसे अनाज को कूटने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली ओखली वहां जमीन पर ना होकर दीवारों पर बनी है। इसके साथ ही सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जहां पर कुछ फसलें और फल पैदा होते हैं लेकिन वो वही तक इस्तेमाल करने लायक होते हैं वहां के परिसर से बाहर भी चीजें खाने योग्य नहीं रह जाती कहा जाता है यहां परियों जो लोग पसंद आ जाते हैं उन्हें बेहोश करके अपने साथ ले जाती हैं।

मान्यताओं के अनुसार बाद में उन्हें अपने साथ किसी अन्य लोक में ली जाती हैं इन्ही सब बातों के कारण इस स्थान पर तेज आवाज करने और चिल्लाने पर सख्त प्रतिबंध है इसके साथ ही भडक़ाऊ और चटक रंग के कपड़े पहनना और बेवजह वाद्ययंत्र बजाना भी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। खैंट पर्वत एक गुंबद नुमा आकार का खूबसूरत पर्वत है जो यहां आने वाले सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है अब परियों की बात कितनी सच है इसके बारे में तो कहा नहीं जा सकता क्योंकि यह सारी जानकारी वहां सदियों से चली आ रही है।

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