ये है दुनिया का सबसे छोटा देश, 800 लोगों की है आबादी
रोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। यह दुनिया का सबसे छोटा देश है, जिसका क्षेत्रफल केवल 44 हेक्टेयर (108.7 एकड़) है। यह इटली के शहर रोम के अन्दर स्थित है। इसकी राजभाषा है लातिनी। ईसाई धर्म के प्रमुख साम्प्रदाय रोमन कैथोलिक चर्च का यही केन्द्र है और इस सम्प्रदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप का यही निवास है।
सन् 1929 में एक संधि के अनुसार इसे स्वतंत्र राज्य स्वीकार किया गया। इस राज्य के अधिकारी, 45 करोड़ 60 लाख रोमन कैथोलिक धर्मावलंबियों से पूजित, पोप हैं। राज्य के राजनयिक संबंध संसार के लगभग सब देशों से हैं। सन् 1930 में पोप की मुद्रा पुन: जारी की गई और सन् 1932 में इसके रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ। यहाँ की मुद्रा इटली में भी चलती है।
आठवीं शताब्दी ई. में रोम के निकटवर्ती प्रदेशों पर चर्च का शासन स्वीकार किया जाने लगा। इस प्रकार 'पेपल स्टेट्स' का प्रारंभ हुआ। सन् 1870 ई. में इटली ने पेपल स्टेट्स को अपने अधिकार मे ले लिया, इससे इटली और चर्च में तनाव पैदा हुआ, क्योंकि रोमन कैथालिक चर्च अपने परमाध्यक्ष को ईसा का प्रतिनिधि जानकर यह आवश्यक समझता है कि वह किसी राज्य के अधीन न रहे। सन् 1929 ई. में इटली ने रोमन कैथोलिक चर्च के साथ समझौता करके उसे संत पीटर के महामंदिर के आसपास लगभग 109 एकड़ की जमीन दे दी और उस क्षेत्र को पूर्ण रूप से स्वतंत्र मान लिया। इस प्रकार 'चिट्टाडेल वाटिकानो' (Citta Del Vaticano) अर्थात् वैटिकन नगर नामक एक नया स्वायत्त राज्य उत्पन्न हुआ। उसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है और उसके अपने सिक्के, अपना डाक विभाग, रेडियो आदि हैं। उसके नागरिकों की संख्या लगभग 700 है। उस केंद्र से पोप पूर्ण स्वतंत्रता से दुनिया भर में फैले हुए रोमन कैथोलिक चर्च का आध्यात्मिक सचालन करते हैं।