सबसे ज्यादा लंबे समय तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड है इनके नाम
सिक्कम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने भारत के इतिहास में सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना लिया है। रविवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बसु 34 साल की सीपीएम सरकार में 23 साल 4 महीने और 16 दिन तक मुख्यमंत्री रहे थे।
ज्योति बसु ने मर्जी से पद छोड़ा था
- ज्योति बसु 21 जून 1977 से 5 नवंबर 2000 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे। वे इस पद पर 8358 दिन रहे। उन्होंने अपनी मर्जी से पद छोड़कर सत्ता बुद्धदेव भट्टाचार्य को सौंपी थी।
- सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के मुखिया पवन चामलिंग 12 दिसंबर 1994 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वे अभी भी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। रविवार को उन्हें इस पद पर रहते 8359 दिन हो गए।
चामलिंग का एक साल का कार्यकाल बचा
- 67 साल के चामलिंग का अभी एक साल का कार्यकाल बचा है। उनके इस रिकॉर्ड पर एसडीएफ की ओर से कहा गया कि उनके नेता (चामलिंग) ऐसा रिकॉर्ड बनाएंगे, जिसे तोड़ पाना बहुत मुश्किल होगा।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जानकारों का भी मानना है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में चामलिंग मुख्यमंत्री पद के फिर मजबूत दावेदार हैं।
हमारी जनहितैषी नीतियों से सिक्किम ने तरक्की की
- इस मौके पर चामलिंग ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा, "जैसा कि मैंने निजीतौर पर एक मुकाम हासिल किया है, लेकिन मैं उन सभी को याद रखना चाहूंगा जो दो दशकों से भी ज्यादा वक्त से चल रही इस यात्रा का हिस्सा रहे हैं।"
- उन्होंने आगे लिखा, "गरीब और जनहितैषी नीतियों के साथ हमारे 23 साल से ज्यादा के शासन में सिक्किम ने सभी क्षेत्रों में तेजी से और अभूतपूर्व विकास देखा है।"
पहले सिक्किम संग्राम परिषद में थी चामलिंग
- चामलिंग पहले सिक्किम संग्राम परिषद में थे। वे उस वक्त के मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी के साथ लंबे समय तक काम करते रहे।
- 1985 में वह पहली बार सिक्किम संग्राम परिषद के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए। 1994 में उन्होंने अपनी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट बना ली। तब से सिक्किम पर उनका ही राज है।
2009 में सभी 32 सीटें जीती थी चामलिंग की पार्टी
- 2009 के विधानसभा चुनाव में चामलिंग की पार्टी एसडीएफ को सभी 32 सीटों पर जीत मिली थी। वोट शेयर करीब 66 प्रतिशत रहा था। - देश में ऐसी जीत अब तक किसी पार्टी को नहीं मिली है।
- 2004 में भी उनकी पार्टी ने राज्य की 32 में से 31 सीटें जीती थीं। एक सीट कांग्रेस को मिली थी।