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इंजन में ऑफिस, ट्रेन में पढ़ते हैं इस स्कूल बच्चे



अलवर। भारत में सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही लोगों के मन अलग सी तस्वीर उभर कर आती है। ज्यादातर लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना पसंद नहीं करते है। लेकिन आपको बता दे कि ज्यादातर सरकारी स्कूल के बच्चे की हर क्षेत्र में आगे बढते है। सरकारी स्कूलों को बढावा देने के लिए राजस्थान के अलवर जिले में एक सरकारी स्कूल के अध्यापकों ने अनोखा कारनामा किया है। इस स्कूल को देखने के बाद सब हैरान है।
अलवर के गवर्नमेंट सीनियर सेकंडरी स्कूल को ट्रेन के रंग में रंग दिया गया है। खबरों के मुताबिक, विद्यालय का क्लास रूम ट्रेन की पैसेंजर बोगी, प्रिंसपल का केबिन इंजन और बरामदे का नजारा किसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म की तरह बनाया गया है। 
इसी खासियत के चलते यह स्कूल इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम गुप्ता का कहना है कि छात्रों को ट्रेन हमेशा ही आकर्षित करती है। सरकारी स्कूल्स की बिल्डिंग्स के डिजाइन्स ऐसे होने चाहिए, जो बच्चों को गर्व महसूस करा सकें।’
इसे रेलवे स्टेशन की तरह से विकसित करने का विचार जिला सर्व शिक्षा अभियान के जूनियर इंजिनियर राजेश लवानिया ने दिया था। उन्होंने केरल में इसी तरह का स्कूल देखा था। सर्व शिक्षा अभियान एक सरकारी अभियान है, जो 6 से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है।

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