रेलवे की केटरिंग सर्विस पर लगेगा 5 प्रतिशत जीएसटी
भारतीय रेलवे या आईआरसीटीसी की ओर से ट्रेन पर मिलने वाले खाने और पीने की चीजों पर पांच प्रतिशत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाएगा. यह जानकारी वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई है.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय रेलवे या आईआरसीटीसी द्वारा गाड़ियों, प्लेटफार्म या रेलवे स्टेशन पर आपूर्ति किए जाने वाले भोजन व पेयों पर पांच प्रतिशत माल व सेवा कर जीएसटी लगेगा. वित्त मंत्रालय ने 31 मार्च को इस बारे में रेलवे बोर्ड को पत्र भेजा है ताकि किसी भी तरह के संदेह या अनिश्चितता को दूर किया जा सके.
मंत्रालय के इस कदम से गाड़ियों, प्लेटफार्म या रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध खाद्य पदार्थों व पेयों पर लागू जीएसटी दर में समानता आएगी. जारी एक बयान में कहा गया है, यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय रेलवे या इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) या इनके लाइसेंसधारक द्वारा रेलगाड़ी, प्लेटफार्म में उपलब्ध करवाए जाने वाले भोजन व पेय पदार्थों पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.
बता दें कि देश में इस नई कर प्रणाली जीएसटी की शुरुआत एक जुलाई2017 से हुई थी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गत दिनों ट्रेन और स्टेशन पर खानपान में यात्रियों से अवैध वसूली रोकने के लिए बिल अनिवार्य कर दिया. इस आदेश के बाद जीएसटी में रेलवे का खेल सामने आ गया. स्टेशन पर खानपान में जहां पांच फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है, वहीं इसी खाने पर ट्रेन में 18 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है.
शताब्दी-राजधानी में तो टिकट में ही यात्रियों से 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है, जबकि अन्य ट्रेनों में भी 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है. हालांकि, स्टेशन पर पहले जीएसटी 12 फीसदी था, जिसे घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया. जारी एक सर्कुलर के मुताबिक एक जुलाई से 18 फीसदी जीएसटी लेने का आदेश जारी किया गया था, यह भी स्पष्ट किया गया कि शताब्दी-राजधानी व दुरंतो के टिकट किराये में ही जीएसटी जुड़ा होगा.