नेपाल के पास पडे है नोटबंदी में बंद हो चुके 950 करोड रूपये के नोट, मोदी जी से करेंगे गुजारिश
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली इस सप्ताह भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस यात्रा में वे भारत के सामने एक दिलचस्प मांग रखेंगे. यह मांग बंद हो चुके पुराने नोटों से जुड़ी हुई है. नेपाल के पास बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के रूप में करोड़ों रुपये पड़े हैं और यह अब किसी काम के नहीं हैं.
यह रकम 950 करोड़ रुपये के करीब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को जब नोटबंदी का ऐलान किया था उस समय यह नोट असंगठित क्षेत्रों और निजी लोगों के पास पड़े थे. दोनों देशों की सरकारों के बीच इन बंद हो चुके नोटों को बदलने को लेकर अभी तक सहमति नहीं बनी है.
नोटबंदी के ऐलान से नेपाल और भूटान जैसे देश हैरान रह गए थे. इन दोनों देशों में भारतीय मुद्रा काफी प्रचलित है. ओली ने मंगलवार को नेपाली संसद को बताया, 'भारतीय नोटबंदी से नेपाली लोगों को काफी नुकसान हुआ है. भारतीय नेताओं से मुलाकात के दौरान मैं यह मुद्दा उठाऊंगा और मामला सुलझाने को कहूंगा.'
भारत नेपाल को सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और रोजमर्रा की चीजों का सबसे बड़ा सप्लायर है. नेपाली लोग बड़ी संख्या में रुपये का इस्तेमाल करते हैं और बचत को इसी मुद्रा के रूप में रखते हैं
ओली शुक्रवार को अपने भारत दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ-साथ कई अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे. सेंट्रल नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल मार्च में हुई एक मीटिंग के दौरान रिज़र्व बैंक इस बात पर सहमत हुआ था कि हर नेपाली 4500 रुपये तक के पुरानी नोटों को बदल सकता है. लेकिन एनआरबी के डिप्टी गवर्नर चिंतामणि शिवकोटि ने कहा कि उन्हें अभी तक इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बताया गया है.
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिज़र्व बैंक नेपाल या अन्य किसी देश में उस समय नोट बदलने की स्थिति में नहीं था क्योंकि उस समय नोटबंदी के दौरान इस तरह का कोई भी नियम नहीं बनाया गया था. अब संघ सरकार ही इस मामले में कोई फैसला ले सकती है.