असमय की वर्षा एवं ओलावृष्टि से ईट भट्टा कार्य तहस-नहस गरीब कुम्हार एवं अनुसूचित जाति वर्ग की मौसम की मार से टूटी कमर
उज्जैन- सहित संपूर्ण मालवांचल में विगत शुक्रवार दिनांक 27 दिसम्बर 2024 को आंधी-तूफान ने साथ भारी बारिश एवं ओलावृष्टि हुई। जिसमें ईट भट्टा कामगारों को भारी नुकसान हुआ है। खुले में पडी कच्ची ईंटों का स्टॉक पूरी तरह से नष्ट हो गया है। जानकारी देते हुए मध्प्रदेश माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रजापति चौरासी संघ के अध्यक्ष श्री अशोक प्रजापत ने बताया की जी-तोड मेहनत कर अपनी आजीविका चलाने वाला कुम्हार वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोग भी इस कार्य में सम्मिलित है को आसमानी आफत असमय की बारिश एवं ओलावृष्टि से भारी नुकसान उठाना पडा है। उज्जैन नगर एवं उज्जैन कस्बा में संचालित ईट भट्टों को प्रति भट्टा लगभग एक से तीन लाख रूपए की आर्थिक हानि का अनुमान है। ईट भट्टा कार्य वर्ष में छः माह की चलता हैं एवं वर्षाकाल में यह कार्य पूर्णतः बंद रहता है। इस समय ईट भट्टा संचालक कृषि कार्य के साथ ही छुट्टी मजदूरी एवं दिहाडी कार्य करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते है। प्रजापति चौरासी संघ के कोषाध्यक्ष किशोर प्रजापति तनोडिया ने बताया कि दीपावली के बाद आमतौर पर ईट भट्टा कार्य प्रारंभ किया जाता है। लेकिन विगत 27 दिसम्बर 2024 को हुई असमय की वर्षा से खुले मंे पडी कच्ची ईंटे पूरी तरह से नष्ट हो गई है साथ ही पथार (ईट बनाने का स्थान) पर पानी भर जाने से आगामी 15-20 दिनों तक कार्य पूर्णतः बन्द हो गया है। एक अनुमान के अनुसार लगभग हर भट्टा संचालक बाजार से ऊॅची ब्याज दर पर ऋण लेकर कार्य करता है साथ ही ईट खरीदने वाले ग्राहकों से भी एडवांस के रूप में राशि ले रखी है एवं समय पर ईट सप्लाय ना कर पाने की स्थिति में उनकों भी वापस भुगतान करना होगा। साथ ही ईट निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली समस्त कच्ची सामग्री नष्ट हो गई है। और यह व्यवसाय गैर लाभकारी होकर इसको करने वाले बेरोजगार और ऋणग्रस्त हो गए है। महासचिव राधेश्याम प्रजापत ने बताया कि ईट निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली कच्ची सामग्री के दाम भी दिन प्रति दिन बढ रहेे है। जिससे उत्पादन लागत बढ गई है। इस संबंध में शासन/प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया गया है। ज्ञापन में मांग की गई है कि किसानों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की भांति ही इस वर्ग को भी सहायता शासन द्वारा उपलब्ध करवाई जावे। ताकि शासकीय सहायता से इस वर्ग को कुछ राहत मिल सकें व इस भारी विपदा में संभल सकें। इस संबंध में प्रदेश को लोकप्रिय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी को भी अवगत करवाया जावेगा। इस अवसर पर अपील करने वालों में सर्व श्री भगवानदास प्रजापत, राधेश्याम प्रेमचंद्र, भैरूलाल दौलतराम, मोहन रायल, बबलू रायल, पवन झब्बूलाल, अनिल झब्बूलाल, अरूण प्रजापत, अनिल प्रजापत, शेखर चक्रवर्ती, चिन्तामण सोनी, सुनिल बापू, रवि प्रजापत आदि।