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अपने कार्य के प्रति समर्पित रहना ही आनंद की शुरुआत है - सीईओ गगन सिंह


उज्जैन- शासकीय सेवा में जो कार्य और दायित्व हमें मिले हैं वह हम ही करना है ऐसा भी कई बार होता है कि काम करने की प्रायोरिटी बदलती रहती है लेकिन उसे आदेश को पालन करते हुए अपने कार्य के प्रति और अपने कार्य के प्रति समर्पित रहना ही आनंद की शुरुआत है। यह विचार राज्य आनंद संस्थान के द्वारा एकदिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी आईएएस गगन सिंह ने व्यक्त किए। राज्य आनंद संस्थान भोपाल के निर्देश पर जनपद पंचायत खाचरोद में शासकीय सेवकों के लिए अल्पविराम परिचय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के शुभारंभ के पहले, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर राष्ट्रीय शोक के फलस्वरूप उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यशाला के संयोजक और आनंद विभाग के जिला समन्वयक डॉ. प्रवीण जोशी ने अपने रोजमर्रा ने कार्यों के बीच अल्पविराम की आदत डालने की बात कही। उन्होंने कहा कि आनंद हमारे घर शुरू होता है, इसके लिए ऑफिस का तनाव घर पर ले जाना गलत है, घर परिवार के प्रति दायित्व बोध बहुत जरूरी है। आनंद विभाग की मास्टर ट्रेनर श्रीमती प्रभा बैरागी ने टूल्स 'जीवन का लेखा जोखा' समझाते हुए बताया कि, किसी के द्वारा हमारी मदद की जाए तो उसे पूरी कृतज्ञता के भाव के साथ धन्यवाद देना चाहिए, ऐसे ही किसी के लिए कुछ गलत हो जाए तो बड़े ही विनय भाव के साथ उससे माफी मांगना चाहिए। डॉ. स्वामीनाथ पांडेय ने मेरे रिश्ते प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम सोशल मीडिया पर हजारों दोस्त बना लेते है, लेकिन जो हमारे अपने है उनके लिए कोरा कागज सिद्ध हो जाते हैं। उन्होंने अल्पविराम के माध्यम से अपने रिश्तों के प्रति ईमानदार रहने की बात कही। आनंदम सहयोगी श्रीमती स्वाती पंचोली ने शांत समय का महत्त्व और आईस ब्रेकर के माध्यम से आनंद को प्रस्तुत किया। इस अल्पविराम परिचय कार्यशाला की पूरी तैयारी आनंदम सहयोगी राजेश शर्मा द्वारा की गई। कार्यशाला का समापन उपस्थित शासकीय सेवकों को प्रमाण पत्र वितरण कर किया गया। आभार जनपद पंचायत खाचरोद आनंद विभाग के प्रमुख नरेंद्र गेडाम द्वारा किया गया।

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