सरकार ने की प्राकृतिक गैस के दामों में वृद्धि, पाइप वाली रसोई गैस होगी महंगी
सरकार ने प्राकृतिक गैस कीदर में 6 प्रतिशत की वृद्धि की है और इसके साथ यह दो साल में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इससे सीएनजी और रसोई गैस के भाव ऊंचे होंगे. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार घरेलू फील्ड से उत्पादित अधिकांश प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से 3.06 डॉलर प्रति इकाई (प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) होगी. यह वृद्धि एक अप्रैल से छह महीने के लिए की गई है. अभी यह 2.89 डॉलर है.
अमेरिका, रूस और कनाडा जैसे गैस अधशिष वाले देशों में औसत दरों के आधार पर प्राकृतिक गैस की कीमत हर छह महीने बाद निर्धारित की जाती है. भारत अपनी कुल जरूरत का करीब आधा हिस्सा आयात करता है. आयातित गैस की कीमत घरेलू दर के मुकाबले दोगुने से अधिक होती है. यह लगातार दूसरा मौका है जब गैस के दाम बढ़ाए गए हैं. इससे अप्रैल-सितंबर 2016 के बाद गैस की दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. उस समय इतनी ही कीमत घरेलू उत्पादकों को दी जाती थी.
गैस कीमत में वृद्धि से आयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी उत्पादक कंपनियों की आय में बढ़ोतरी होगी. साथ ही इससे सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस महंगी होगी. इसका कारण इसमें प्राकृतिक गैस का उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाता है. इससे यूरिया और बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी. साथ ही गहरे पानी, उच्च तापमान जैसे कठिन क्षेत्रों में नए फील्डों से उत्पादित गैस की कीमत सीमा अप्रैल- अक्तूबर 2018 के लिए बढ़ाकर 6.78 डॉलर प्रति इकाई कर दिया गया है.
फिलहाल यह 6.30 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट है. इस वृद्धि से घरेलू गैस आधारित बिजली उत्पादन की लागत करीब 3 प्रतिशत बढ़ेगी. साथ ही इससे सीएनजी तथा पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस की कीमत क्रमश: 50-55 पैसे तथा 35-40 पैसे प्रति घन मीटर बढ़ेगी. इससे पहले, अक्तूबर 2017-मार्च 2018 की अवधि के लिए गैस कीमत बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया गया था. इससे पहले यह 2.48 डालर प्रति इकाई थी.