आई डिजिटल कुरान, अपनी भाषा में चुन कर जान सकते है आयतों का अर्थ
अब कुरान भी डिजिटल हो गई है। इस डिजिटल कुरान के साथ एक डिजिटल पेन है। पेन में अपनी भाषा का चयन कीजिए और कुरान की जिस आयत का अर्थ समझना है, उसके पास बने विशेष मार्क पर पेन को टच कीजिए। यह पेन उस आयत का अर्थ आपको अपनी भाषा में सुना देगा। राजस्थान के कोटा के रहने वाले बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक व अभिनेता सरोश खान ने यह डिजिटल कुरान तैयार कराई है। उनका दावा है कि यह देश की पहली डिजिटल कुरान है। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति इस पवित्र पुस्तक को अपनी भाषा में पढ़-समझ सकेगा।
मंगलवार को जयपुर में उन्होंने इसकी प्रति ऑल इंडिया दारूल कजाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राजस्थान के चीफ काजी खालिद उस्मानी और राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर शास्त्री कोसलेंद्रदास को भेंट की।
इस्लाम के बारे में फैले भ्रम दूर करेगी कुरान -
खान ने बताया कि उन्होंने ऐसी 1100 डिजिटल कुरान तैयार कराई है। जुलाई में जयपुर में बड़ा धार्मिक सम्मेलन आयोजित करवा कर यह डिजिटल कुरान प्रदेश के युवाओं, मुस्लिम स्कॉलर्स व धर्माचार्यो को नि:शुल्क भेंट की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह कुरान इस्लाम के बारे में फैले भ्रम को दूर करेगी।
ऐसे काम करती है डिजिटल कुरान -
इस अभियान से जुड़े अविनाश सिंह ने बताया कि सरोश खान ने एक चीनी कंपनी से करार कर भारतीय भाषाओं के मुताबिक डिजिटल कुरान तैयार करवाई है। यह कुरान एक किताब के रूप में है और अरबी भाषी इसे वैसे भी पढ़ सकते हैं। किताब के पन्ने विशेष प्लास्टिक से बने हैं। इनमें अंदर चिप फिट है और इसके साथ जो डिजिटल पेन दिया गया है, उसमें भी चिप है जिसमें हर आयत का अर्थ उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, गुजराती, पंजाबी, सिंधी, तमिल, मलयालम, बंगाली और तेलुगु भाषाओं में फीड है। जिस भाषा में आपको आयत का अर्थ समझना है, पेन में उस भाषा का चुनाव कीजिए और संबंधित आयत पर इस पेन को टच कर दीजिए। आपको अपनी सेट की गई भाषा में आयत का अर्थ सुनाई दे जाएगा।
यह पेन चार्जेबल है। एक बार चार्ज होने के बाद पांच-छह घंटे तक चलता है। इसे लैपटॉप और स्मार्ट फोन से भी जोड़ा जा सकता है और अतिरिक्त स्पीकर भी लगाए जा सकते हैं। अविनाश ने बताया कि ऐसी डिजिटल कुरान पाकिस्तान में प्रचलित है। भारत में भी इसकी तकनीक मौजूद है, लेकिन भारत में अन्य जगह इसकी लागत चीन के मुकाबले काफी ज्यादा आती है। चीन में इसकी लागत 4500 रुपए प्रति कुुरान है जो एक साथ तैयार कराने पर करीब 2200 रुपए प्रति कुरान पड़ी है। अब वे इसी तरह गीता और वेदों के डिजिटल संस्करण भी तैयार करवा रहे हैं, ताकि संस्कृत न जानने वाले उनका अर्थ समझ सकें।