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जनजातीय नृत्य-संगीत एवं शिल्प कलाओं पर केन्द्रित तीन दिवसीय उत्सव आदिरंग का शुभारंभ


जनजातीय समाज हमें प्रकृति से जोड़ता है - राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य
  
जनजातीय कार्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने कहा कि जनजातीय समाज हमें प्रकृति से जोड़ता है एवं हमारी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करता है। यह समाज अपनी लगन एवं विश्वास से कला को जीता है। आदिवासी समाज हमारी संस्कृति की पहचान है। जनजातीय आदिवासी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जनजातीय कार्य विभाग सतत् कार्य कर रहा है। श्री आर्य बैतूल में आदिम जाति अनुसंधान विकास संस्था भोपाल एवं वन्या जनजातीय कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जनजातीय नृत्य-संगीत एवं शिल्प कलाओं पर केन्द्रित तीन दिवसीय उत्सव आदिरंग-2018 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राज्य मंत्री ने कहा कि आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था जनजातीय भाषा, पहनावा, उनके रहन-सहन पर अनेक अनुसंधान करती है एवं कई किताबें भी प्रकाशित की है। जनजातीय संस्कृति को संजोए रखने के लिए प्रदेश का जनजातीय कल्याण विभाग निरंतर कार्य कर रहा है। बैतूल में आयोजित आदिरंग कार्यक्रम जनजातीय संस्कृति को आमजन तक पहुंचाने का एक अभिनव प्रयास है। यहां डिण्डोरी, मंडला, धार, झाबुआ एवं अन्य जिलों से आए जनजातीय कलाकार जब अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं तो हमारा रोम-रोम पुलकित हो उठता है। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि वे इस कार्यक्रम में अवश्य आएं एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करें।

इस अवसर पर सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे, विधायक श्री हेमन्त खण्डेलवाल और श्री मंगलसिंह धुर्वे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावलकर और जिला योजना समिति सदस्य श्री जितेन्द्र कपूर मौजूद थे। कार्यक्रम के आरंभ में जनजातीय विभाग के प्रमुख सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया। राज्य मंत्री श्री आर्य एवं अन्य अतिथियों द्वारा जनजातीय प्रदर्शनी आदिबिम्ब एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित फिल्म प्रदर्शन आदि दर्पण का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में बैगा जनजाति की पारंपरिक चित्रकला पर आधारित श्री लक्ष्मीनारायण पयोधि द्वारा तैयार की गई पुस्तक ठंगना का भी अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। 

दुर्गेश रायकवार

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