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बेरोजगारों को स्वावलम्बी बना रही मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना


 

मध्यप्रदेश में युवा वर्ग को स्वावलम्बी बनाने में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना मददगार साबित हो रही है। इस योजना के कारण ही बेरोजगार युवा स्वयं का कारोबार शुरू करने और नये उद्योग लगाने में रूचि ले रहे हैं। रतलाम जिले के विजय गर्ग और नीमच जिले के राजेन्द्र सिंह जैसे युवा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का फायदा लेकर स्वयं के उद्योग स्थापित कर सफल उद्यमी बन गये हैं।

 रतलाम के नाहरपुर कॉलोनी निवासी बी.काम स्नातक विजय गर्ग पान की गुमटी चलाते थे। शिक्षित होने बावजूद पान की गुमटी पर बैठना विजय की मजबूरी थी। वर्ष 2016 में उसे मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की जानकारी मिली। विजय ने जिला उद्योग केन्द्र में पेपर कप निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए आवेदन किया। विजय जानता था कि पेपर कप की होटलों तथा शादी ब्याह के अवसरों पर बहुत माँग होती है। इस व्यवसाय की संभावना को जानकर विजय ने 20 लाख रुपये का प्रोजेक्ट जिला उद्योग केन्द्र में प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में मिले 20 लाख रुपये से विजय ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर पेपर कप निर्माण इकाई स्थापित की। करीब सोलह लाख रुपये की मशीनें लगाई।

वर्तमान में विजय अपनी मशीनों पर पेपर कप निर्माण कर अच्छी मार्केटिंग के जरिये प्रतिमाह 30 से 40 हजार रुपये तक कमा रहा है। विजय 300 रुपये प्रतिदिन/ प्रति व्यक्ति के दर से दो अन्य बेरोजगारों को भी रोजगार दे रहा है।

 नीमच जिले के ग्राम लसूडीतंवर के राजेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की मदद से कृषि यंत्र निर्माण की इकाई स्थापित की है। राजेन्द्र 12वीं पास करने के बाद बेरोजगार घूम रहा था। पैतृक खेती में परिवार वालों का हाथ बँटाता था। समाचार पत्रों से जब उसे मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की जानकारी मिली, तो उसने बिना समय गवांये जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में कृषि यंत्र निर्माण का उद्योग स्थापित करने के लिये आवेदन किया। सेन्ट्रल बैंक की बधाना शाखा ने राजेन्द्र को 25 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया। साथ ही उसे 3 लाख रुपये की मार्जिन मनी और 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ भी दिया। राजेन्द्र ने अपने गाँव में कृषि यंत्र उपकरण निर्माण का उद्योग स्थापित कर 7 अन्य बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराया है। राजेन्द्र प्रति माह 40 हजार रुपये कमा रहे है और बैंक की किश्त भी समय से चुका रहा है।

बिन्दु सुनील

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