समाज ने नदियों को बचाया था और बचाएगा : केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती
केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुश्री उमा भारती ने होशंगाबाद जिले के बांद्राभान में नर्मदा तवा संगम पर आयोजित पंचम नदी महोत्सव में कहा कि हमारी नदियां कोई 10-20 साल पुरानी नहीं बल्कि लाखों वर्ष पुरानी है। इतने वर्षों से समाज ने ही नदियों को बचाया एवं आगे भी समाज के प्रयासों से नदियां बची रहेगी। नदियों को बचाना केवल सरकार और एजेसियों के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षो से लोग नदियों को बचाने के लिए प्रयास कर रहे है, इसलिए हमारी नदियां बची हुई है। सुश्री भारती ने कहा कि नदियों की दुर्दशा की कहानी 100-150 साल पुरानी है। इतने वर्षो से भारत के लोगो की नदियों के प्रति असीम श्रद्धा नदियों को बचाने में सफल रही है। कुंभ मेले में इतनी कठिनाईयों की बावजूद दूर-दूर से करोड़ों लोगों का आकर स्नान करना इसका उदहारण है।
सुश्री उमा भारती ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि उद्योगों का गंदा पानी नदियों में मिले। उन्होंने कहा कि नदियों एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी सही समय पर जागृत हो गए है। देश में स्वच्छता के प्रति सजगता बढ़ी है। यदि ऐसा माहौल बरकरार रहा तो आने वाले वर्षो में इसके बड़े परिणाम दिखाई देगें। हमें नदियों के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करना होगा। कार्यक्रमों के बाद उत्पन्न होने वाले कचरे को हमे स्वयं साफ करना होगा। सुश्री भारती ने स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे को याद करते हुए कहा कि उन्हें वचन देते है कि जब तक हम जीवित रहेगें तब तक अपनी नदियों को समाप्त नही होने देंगे। आने वाली पीढ़ियां भी नदी संरक्षण के लिए कार्य करती रहेगी। सत्र को स्वामी चिन्मयानंद ने भी संबोधित किया।
सत्र में सामाजिक कार्यकर्ता सुश्री भारती ठाकुर, जैव विविधता बोर्ड के सचिव श्री श्रीनिवास मूर्ति, पैरवी संस्था के निदेशक श्री अजय झा, श्यामा प्रसाद मुखर्जी शोध संस्था के निदेशक डॉ. अनिर्बन गांगुली भी उपस्थित थे।
प्रलय श्रीवास्तव