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महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि उत्सव प्रारंभ आज से प्रारंभ हुआ हल्दी उबटन का अनूठा श्रृंगार


 

उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के पहले सोमवार 5 फरवरी से शिवनवरात्रि का उत्सव प्रारंभ हो गया है। सबसे पहले श्री कोटेश्वर भगवान का पूजन-अभिषेक किया गया। तत्पष्चात 11 ब्रम्ह्णों के द्वारा भगवान महाकाल का लघुरूद्राभिषेक किया गया। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति की ओर से ब्राम्ह्णों को सोला एवं दक्षिणा भेंट की गई। भगवान महाकाल को हल्दी उबटन का अनूठा श्रंृगार किया गया। यह अनूठा श्रंृगार भगवान महाकाल को आज से महाशिवरात्रि पर्व तक किया जायेगा। महाशिवरात्रि पर्व 13 फरवरी को मनाया जायेगा। अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर में भगवान महाकाल की भस्मार्ती होगी। महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि का पर्व बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, और प्रतिदिन भगवान महाकाल का आकर्षक श्रंृगार किया जावेगा।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि में प्रतिदिन अपरान्ह्ः 3 बजे भगवान महाकाल का विशेष श्रंृगार कर नये वस्त्र धारण किये जायेंगे। शिवनवरात्रि पर्व के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रृंद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंध रहेगा। भगवान महाकल के दर्शन इस दौरान नंदीमंडपम के पीछे लगे बेरीकेट्स से होगा।

शिवनवरात्रि में प्रतिदिन होगा हरिकीर्तन

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में 5 फरवरी से 14 फरवरी तक शिवनवरात्रि में प्रतिदिन  हरिकीर्तन होगा। हरिकीर्तन लगातार वर्ष 1909 से कानडकर परिवार इंदौर द्वारा वंशपरम्परानुसार हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। इसी तारतम्य में सुविख्यात हरिकीर्तनाचार्य स्व. पं. श्रीराम कानडकर के सुपुत्र कथारत्न हरि भक्त परायण पं. श्री रमेेष कानडकर जी द्वारा शिव कथा हरि कीर्तन का आयोजन सायं 4 बजे से 6 बजे तक मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर किया गया।

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