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मुम्बई के ख्यात गायक प्रथमेश और मुग्धा के सुमधुर गीतों ने श्रोताओं को मुग्ध किया हनुमान मंडल उज्जैन का गरिमामय स्वर्ण जयंती समारोह सम्पन्न


उज्जैन- मकर संक्रांति की पूर्व संध्या सोमवार 13 जनवरी को मुम्बई के ख्यातनाम गायक प्रथमेश लघाटे और मुग्धा वैशंपायन के सुमधुर गीतों से सजी। मराठी भाषियों की
सामाजिक संस्था हनुमान मंडल उज्जैन की स्वर्ण जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित गरिमामय संगीत समारोह &quot;मर्मबांधनातली ठेव&quot; कालिदास अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल में सम्पन्न हुआ। गायन के क्षेत्र में अपने बचपन से साधनारत प्रथमेश और मुग्धा आज अपनी युवावस्था में अपनी गायन कला से श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे हैं। श्री गणेश वन्दना से शुरु हुई गीतों भरी शाम मराठी के पारम्परिक लोक गीत, भावगीत, शौर्य गीत, नाट्य संगीत, अभंग, लावणी, जोगवा, गांधल जैसी गायन की विविध विधाओं के सापान चढ़ते-चढते कब देर रात में तब्दील हुई पता ही नहीं चला। कड़ाके की ठंड में श्रोताओं से खचाखच भरे संकुल हॉल से श्रोता उठना ही नहीं चाहते थे। चार घंटे से अधिक समय तक कार्यक्रम चला। गीत-संगीत की दर्जेदार महफिल ने स्वर्ण जयन्ती समारोह को अविस्मरणीय बना दिया। कार्यक्रम के पूर्व मंडल की महिला शाखा ने संगीत समारोह में उपस्थित सभी महिलाओं का हल्दी-कंकु, गजरा-वेणी और तिल-गुड़ से पारम्परिक स्वागत किया। मंडल के संस्थापक सदस्य श्री सुधाकर संगमनेरकर व श्री अजय विपट एवं संयोजक द्वय श्री सुनील पित्रे, श्री राजेश मुंगी कलाकार श्री प्रथमेश, सौ मुग्ध ने दिप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दीपदीपन के अवसर पर डॉ.
श्रेयस कोरान्ने ने स्वस्तिवाचन किया। मंडल के कार्यकर्ताओं ने गायक और संगीतकारों का पुष्प हारों से स्वागत किया। गायन व्यवस्था सौ. दाक्षायनी पलसीकर व सौ. नलीनी खोत ने की। कार्यक्रम के संचालन डॉ महेंद्र गोरे ने संचालन किया एवं अंत में श्री रविन्द्र हरणे व श्री निललोहित पलसीकर ने कलाकारों, संगतकारों और श्रोताओं का आभार माना।

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