सूचना के अधिकार में दी जाने वाली जानकारियां समय पर दें लोक सूचना अधिकारियों के प्रशिक्षण सह कार्यशाला में सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने कहा
उज्जैन । सूचना का अधिकार के प्रावधानों के अंतर्गत जो जानकारियों दिए जाने का प्रावधान
है, उन्हें देने में लोक सूचना अधिकारी विलंब न करें। जो जानकारियों अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत नहीं
दी जा सकतीं, उन्हें न दिया जाए, परन्तु इस संबंध में आवेदक को पत्र द्वारा निर्धारित समयावधि में सूचना
अवश्य दी जाए।
राज्य सूचना आयुक्त श्री हीरालाल त्रिवेदी ने आज सोमवार को मेला कार्यालय में संपन्न लोक सूचना
अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों के प्रशिक्षण सह कार्यशाला में यह बात कही। उन्होंने सूचना का अधिकार
अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के विषय में विस्तार से जानकारी दी तथा पूछे गए प्रश्नों का समाधान पूर्वक
हल भी दिया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, निगम आयुक्त श्री विजय जे., मुख्य
कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप जी.आर., लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी उपस्थित
थे। कार्यशाला पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 01.15 तक चली। कार्यशाला के अंत में आभार प्रदर्शन अपर कलेक्टर
श्री बसंत कुर्रे ने किया।
निर्धारित शुल्क प्राप्त कर जानकारी दें
कार्यशाला में सूचना आयुक्त ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने के लिए निर्धारित
शुल्क, अथवा वास्तविक शुल्क लिया जाए। ए 3 एवं ए 4 आकार में जानकारी देने के लिए 2 रूपये प्रति पृष्ठ
लिए जाना है। उससे बड़ा साइज होने पर वास्तविक व्यय लिया जाए।
आवेदन के साथ 10 रूपये शुल्क लिया जाना है जो नकद, स्टाम्प, पोस्टल ऑर्डर के रूप में लिया जा सकता
है। यदि सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध है तो 50 रूपये सीडी की दर से जानकारी दी जा सकती है। बेहतर है आवेदक
स्वयं का पता लिखा लिफाफा भी आवेदन के साथ्ा संलग्न करे परन्तु यह अनिवार्य नहीं है। शुल्क नकद भी
जमा करवाया जा सकता है, परन्तु निगम/मंडल में राशि नगद जमा नहीं होती।
कार्यालय में आंशिक जानकारी उपलब्ध है तो दें
यदि जानकारी कार्यालय से संबंधित नहीं हो तो लौटा दीजिए परन्तु यदि आंशिक जानकारी आपके
कार्यालय से संबंधित नहीं है तो आंशिक जानकारी दें। धारा 6 कहती है कि आवेदक द्वारा जो जानकारी मांगी
गई है यदि वह स्पष्ट नहीं है, तो उसे पत्र लिखकर बताएं। अधिनियम में विशिष्ट सूचना देने का ही प्रावधान
है, सामान्य सूचना देने का नहीं। ‘बल्क इन्फार्मेशन' देने का प्रावधान नहीं है। आवेदक से स्पष्ट कराएं कि कौन
से आदेश की प्रति चाहिए। पहले ही पत्र में पूरी स्थित स्पष्ट की जानी चाहिए।
‘कम्पाइल’ एवं ‘कलेक्ट’ कर जानकारी न दें, प्रश्नों के उत्तर न दें
सूचना आयुक्त ने बताया कि सूचना के अधिकार में कार्यालय में उपलब्ध जानकारी को जिस रूप में
उपलब्ध है देना चाहिए। जानकारी ‘कम्पाइल’ अथवा ‘कलेक्ट’ कर देने का अधिनियम में प्रावधान नहीं है। प्रश्न
वाचक जानकारी भी नहीं दी जानी चाहिए। यदि प्रश्न से संबंधित दस्तावेज मांगा जाता है तो दिया जा सकता
है। धारा 7 की उपधारा 8 के अंतर्गत जानकारी न देने का कारण भी बताया जाना चाहिए।
ये जानकारियां धारा 8 में नहीं दी जा सकतीं
सूचना आयुक्त ने बताया कि सूचना के अधिकार की धारा 8 के अंतर्गत कतिपय जानकारियां नहीं दी
जा सकतीं। इसके अंतर्गत देश की रक्षा, एकता, अखंडता, सुरक्षा से संबंधित किसी की व्यक्तिगत जानकारियां,
जो दस्तावेज न्यायिक प्रक्रिया में हैं, ट्रस्टी के रूप में रखी गई जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी,
विभागीय जांच की प्रतियां, न्यायालय में जो प्रकरण चल रहे हैं तो (तीसरे पक्ष को) जानकारी नहीं दी जा
सकती। निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। परन्तु यदि हमने अपना डॉक्यूमेंट पब्लिक फोरम
में दे दिया है तो उसकी जानकारी दी जा सकती है। यदि जानकारियां ‘पब्लिक डोमेन’ में हैं तो देने की
आवश्यकता नहीं है। टीए, मैडिकल बिल्स, सर्विस बुक, व्यक्तिगत नस्ती, पे स्लिप की प्रति नहीं दी जा सकती,
इसके लिए तृतीय पक्ष से पूछने की आवश्यकता भी नहीं है। नामांकन की प्रति नहीं दी जा सकती। पदोन्नति
की प्रति, केवल प्रभावित होने वाले पक्ष को ही दी जा सकती है। अचल संपत्ति की जानकारी वैब साइट पर है,
कॉपी देने की आवश्कयता नहीं है। चल संपत्ति देने का प्रावधान नहीं है। सीआर की प्रति केवल संबंधित को दे
सकते हैं, अन्य का नहीं। रैड क्रॉस सोसाइटी से संबंधित जानकारियां सूचना के अधिकार में नहीं दी जा सकतीं।
अपील का प्रावधान
सूचना के अधिकार के अंतर्गत लोक सूचना अधिकारी द्वारा 30 दिन में जानकारी न दिए जाने अथवा
दी गई जानकारी से असंतुष्ट होने पर आवेदक प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां अपील कर सकता है। यदि
आवेदक अथवा लोक सूचना अधिकारी अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट है तो वह उसके खिलाफ
आयोग में अपील में जा सकता है। द्वितीय अपीलीय अधिकारी राज्य सूचना आयुक्त है। राज्य सूचना आयोग
का निर्णय अंतिम होता है।
250 रूपये से 25000 रूपये तक जुर्माना
सूचना आयुक्त ने बताया कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा 30 दिन 31 दिन में
जानकारी न देने पर अपने आप 250 रूपया रोज जुर्माना प्रारंभ हो जाता है। अधिकतम जुर्माना 2500 रूपये
लिए जाने का प्रावधान है। सूचना का अधिकार की कार्रवाई के लिए कार्यालय में 4 रजिस्टर बनाएं, अ ब स द
में जानकारी दर्ज करें।