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तालाब बनने से बदली गांवों की तस्वीर पहली बार 230 हेक्टर में हुई सिंचाई


उज्जैन । किसानों की आमदनी दोगुनी करने की पहल तराना तहसील के ग्राम भगवतपुर और धानियाखेड़ी में सफल हुई है। भगवतपुरा में 2 करोड़ 33 लाख एवं  धनियाखेड़ी में 2 करोड़ 22 लाख की लागत से तालाबों का निर्माण किया गया। इस बार कम बारिश होने के बाद भी दोनों जलाशयों में पर्याप्त जल संग्रहण हुआ और भगवतपुर में 150 हेक्टर में तथा धानियाखेड़ी में 80 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई हुई। दोनों गांवों को मिलाकर 140 किसानों ने पहली बार सिंचित फसल ली। जहां ये किसान गत वर्ष तक सोयाबीन बोकर खाली बैठे रहते थे, वहीं इस बार क्षेत्र में गेहूँ चने की फसल लहलहा रही है।
विधायक श्री अनिल फिरोजिया की पहल पर जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित किए गए उक्त दोनों जलाशयों से क्षेत्र के किसानों की तकदीर बदलने वाली है। इस बार किसानों के भंडार गेहूँ चने से भर जायेंगे। उक्त दोनों जलाशल उज्जैन जिले के सीमावर्ती पथरीले ईलाके में बनाएं गए हैं। भगवतपुर तालाब की कुल लम्बाई 233 मीटर एवं ऊचाई 13.62 मीटर है। इस तालाब की जलग्रहण क्षमता 0.76 मीलियन घन मीटर है। इस तालाब से 83 किसानों की 150 हेक्टर जमीन सिंचित हुई है। इसी तरह धानियाखेड़ी तालाब की कुल लम्बाई 243 मीटर एवं ऊंचाई 13.36 मीटर है। तालाब की जलग्रहण क्षमता 0.43 मीलियन घन मीटर है। इस तालाब से 60 किसानों की 80 हेक्टर जमीन में सिंचाई की गई है। विधायक श्री अनिल फिरोजिया बताते हैं कि उनके विधानसभा चेत्र में निरन्तर तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में राज्य शासन द्वारा बोरखेड़ी एवं डोबड़ा गुर्जर तालाब को भी स्वीकृति दी गई है।
ग्राम भगवतपुरा के ग्रामीणों से बात करने पर उनकी प्रसन्नता छुपाए नहीं छुपती है। किसान प्रभुलाल गुर्जर बताते हैं कि इसबार उन्होंने 06 बीघा में गेहूँ लगाया है। इस जमीन में पहले कुछ नहीं होता था। सूखी पड़ी रहती थी। पानी की बदौलत अब आमदनी बढ़ने जा रही है। इसी गांव के मुकेश पाटीदार ने कहा कि पानी की उपलब्धता के कारण वे आगे उद्यानिकी फसलें भी करेंगे। ग्राम धानियाखेड़ी के कृषक  सोहनसिंह ने बताया कि तालाब से उनके यहां हरियाली छा गई है। उन्होंने 16 बीघा में गेहूँ एवं चना लगाया है। इसी गांव के कृषक बाबूसिंह ने कहा कि उनकी 20 बीघा की फसल खड़ी है। वे बताते हैं कि जैसे ही गेहूँ घर में आयेंगे, उनकी आमदनी दोगुनी हो जाएगी। ग्रामीण नागुलाल गुर्जर बताते हैं कि धानिया खेड़ी गांव के किसान अत्यधिक खुश हैं, तालाब बनने से उन्हें नया जीवन मिला है। पहले पीने के पानी का संकट था। दूसरे गांव से पानी लाना पड़ता था। अब तो मानों उनके गांव में साक्षात गंगा प्रकट हो गई है। बहुत कम लागत में बने इन तालाबों से दोनों गांवों की तकदीर बदलने जा रही है।

 

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