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जीवन सभी का एक सा, जीने का ढंग ही हमें सद्पुरूष बनाते हैं


श्रैयांसनाथ राजेन्द्र सूरिज्ञान मंदिर के प्रतिष्ठा निमित्त आयोजित पन्चान्हिका महोत्सव में बोले आचार्यद्वय
उज्जैन। श्रैयांसनाथ राजेन्द्र सूरि ज्ञान मंदिर की पावन प्रतिष्ठा निमित्त आयोजित पन्चान्हिका महोत्सव के तृतीय दिवस पर परमपूज्य आचार्यद्वय श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरिश्वरजी म.सा. और परमपूज्य आचार्य श्रीमद् विजय जयरत्न सुरिश्वरजी म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि धन आपने धर्म में लगाया तो धन और धर्म में वृध्दि निश्चित है परंतु धन को कर्म में लगाया तो कर्म बंधन होना है। आचार्यश्री ने आगे कहा कि मानव मात्र को कटुता खत्म करना चाहिये एवं मधुरता बढ़ानी चाहिये। पूज्य मुनिराज निपुणरत्न विजयजी ने अपने प्रवचन में कहा कि जीवन तो सभी को एक सा मिला है किंतु जीने का ढंग ही हमें सद्पुरूष बनाते हैं। हमने जीवन पर देह का ध्यान रखा जो नश्वर है परंतु आत्मा के लिए हमने क्या किया जो शाश्वत है।
प्रतिष्ठा महोत्सव के मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पगारिया एवं राजेन्द्र पटवा ने बताया कि पूज्य आचार्यद्वय की पावन निश्रा में शनिवार को प्रातः अठ््ठारह अभिषेक एवं नूतन मंदिर चैत्य अभिषेक पूजन संपन्न हुआ। इस पूजन के लाभार्थी योगेश पगारिया एवं मनोज जैन थे। सुबह की नवकारसी एवं दोनों समय की साधार्मिक भक्ति का लाभ मनीषकुमार आशीषकुमार विशालकुमार पीपाड़ा परिवार द्वारा लिया गया। दोपहर में गुरू गौतम स्वामीजी का महापूजन किया गया जिसका लाभ सुरेशचंद्र हितेशकुमार पगारिया द्वारा लिया गया। शाम को कुमारपाल महाराजा बनकर जुलूस के साथ भगवान की आरती करने का लाभ राजेशकुमार जितेन्द्रकुमार चपलोद परिवार द्वारा लिया गया। संचालन राजेश पगारिया ने किया एवं आभार समाज के वरिष्ठ बाबूलाल सकलेचा ने माना। अतिथियों एवं लाभार्थी का बहुमान संघ अध्यक्ष सुशील गिरिया, मुकेश रांका, अतुल चत्तर, निलेश संघवी, नवीन गिरिया, कांति सकलेचा, योगेश पगारिया, सोहन आंचलिया, प्रवीण गादिया, अशोक चत्तर, हितेश पगारिया, गौरव लुक्कड़, पारस गादिया, भूपेन्द्र सकलेचा, अर्पित चपलोद, दिपेश सकलेचा, आनंद चत्तर, राजेश चपलोद, मुकेश सकलेचा, राकेश चत्तर, विजय डांगी, राजेश चत्तर द्वारा किया गया। रात्रि 8 बजे औदिच्य ब्राह्मण धर्मशाला में प्रतिष्ठा निमित्त भव्य भक्ति संध्या का आयोजन संपन्न हुआ जिसमें सुप्रसिध्द संगीत सम्राट विपिन पोरवाल बैंगलोर ने अपने भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन विधिकारक डॉ. संतोष जैन, धरमचंद जैन, माणकलाल चत्तर, राजेन्द्र आंचलिया द्वारा किया गया। स्वागतगीत रागिनी पीपाड़ा द्वारा प्रस्तुत किया गया।
आज भव्य रथयात्रा, राजेन्द्रसूरि गुरूपद महापूजन एवं प्रभु की होगी अंगरचना
श्रैयांसनाथ राजेन्द्र सूरि जैन मंदिर की प्रतिष्ठा निमित्त आयोजित पन्चान्हिका महोत्सव के चतुर्थ दिवस 4 फरवरी को आचार्य नित्यसेन सुरिश्वरजी म.सा. एवं आचार्य जयरत्न सुरिश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में भव्य रथयात्रा का आयोजन होगा। प्रतिष्ठा महोत्सव के मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पगारिया एवं राजेन्द्र पटवा ने बताया कि रथयात्रा में रंगोली, जाबाज बैंड, ध्वजा, घोड़ा, ढोल, उंट, नगाड़ा, महिला मंडल, हाथी भगवान का रथ, शहनाई, बग्गी आदि के साथ आचार्यद्वय, मुनिमंडल, साध्वी मंडल, श्रावक एवं श्राविकाओं के साथ भव्य रथयात्रा नूतन जिनालय से प्रातः 9 बजे प्रारंभ होगी तथा शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई औदिच्य ब्राह्मण धर्मशाला पहुंचेगी। जहां दोपहर में राजेन्द्रसूरि गुरूपद महापूजन होगा। रात्रि में पूज्य आचार्य भगवंतों के आदेशानुसार जाजम एवं चढ़ावे होंगे। रात्रि में भक्ति एवं प्रभु की अंगरचना होगी।

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