शंकरपुर, विक्रमनगर में 5-5 लाख गेलन की पानी की टंकियां निर्माण की मांग
40-50 साल पुरानी टंकियों से नहीं हो रही पूर्ति-आबादी बड़ी, लेकिन टंकियों की क्षमता कम
उज्जैन। शंकरपुर की करीब 50 वर्ष पुरानी तथा विक्रमनगर की 40 वर्ष पुरानी पानी की टंकी के प्रस्ताव बजट में शामिल करने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ट के नेतृत्व में रहवासी निगम कमिश्नर विजयकुमार जे से मिले। ज्ञापन सौंपकर कमिश्नर से कहा दोनों टंकियों की क्षमता कम है जबकि आबादी के मान से अब यहां बड़ी पानी की टंकियों की आवश्यकता है। इसलिए पेयजल आपूर्ति हेतु दोनों क्षेत्रों में 5-5 लाख गेलन की दो पानी की टंकियां निर्माण की जाए। विक्रम नगर के पास नया न्यायालय भवन तथा जिला कार्यालय निर्माणाधीन है यहां इसे देखते हुए भी पेयजल की आपूर्ति हेतु इंतजाम किये जाने की आवश्यकता है।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ एवं क्षेत्रीय पार्षद आत्माराम मालवीय ने बताया कि शंकरपुर में दूध डेयरी के पास पीएचई विभाग की पानी की टंकी सन् 1969 में बनी थी और उस समय के हिसाब से उसकी क्षमता एक लाख गेलन लीटर की है और अभी वर्तमान की स्थिति में टंकी का हालत खराब है। आने वाले समय में टंकी ज्यादा समय तक नहीं चलेगी। शंकरपुर का क्षेत्र पाटपाला, मोरूखेड़ी, माधवपुर, बाबा जय गुरूदेव आश्रम, पुलिस लाईन ट्रेनिंग सेंटर और शंकरपुर के आसपास लगी हुई करीब 20 बस्तियों में पानी जाना चाहिये किंतु टंकी की केपिसिटी कम होने के कारण तापी कंपनी के द्वारा जो लाईन बिछाई गई है। उसमें उसे उसे नहीं जोड़ा गया है और क्षेत्रवासियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। विक्रमनगर टंकी भी लगभग 40 वर्ष पुरानी बनी हुई है। यह टंकी लोहे से बनी है और हालात यह है कि उस 6 फीट की टंकी को भरते हैं तो फुटी होने के कारण सप्लाय के समय 4 फुट की रह जाती है, 2 फीट का पानी बह जाता है जिसके कारण क्षेत्रवासियों को पानी का दबाव बहुत ही कम मिलता है और पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। 5 लाख गेलन की पानी की टंकी भी यहां पर बनाया जाना आवश्यक है। राजेन्द्र वशिष्ठ के साथ क्षेत्रीय पार्षद आत्माराम मालवीय, पार्षद हिम्मतसिंह देवड़ा, सुंदरलाल मालवीय, लेखराज राजौरिया, संजू विश्वकर्मा, जगदीश मालवीय, कैलाश बारोलिया, जितेन्द्र त्रिवेदी, नासिर भाई, बुआजी कमलाबाई, दिनेश कछावा, फिरोज खान, राजू सर, रामलाल मालवीय, बनेसिंह बंजारा आदि ने निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर उपरोक्त दोनों टंकियों के प्रस्ताव बजट में शामिल करने की मांग की।