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जीभ में हड्डी नहीं होती, परंतु कड़वे शब्द बोलने से अच्छे से अच्छों की हड्डियां टूट जाती है


पन्चान्हिका महोत्सव में बोले आचार्यद्वय-हुआ नवग्रह, दस दिग्पाल, अष्टमंगल एवं पाटला पूजन
उज्जैन। श्री श्रैयांसनाथ राजेन्द्र सूरि जैन मंदिर की भव्य प्रतिष्ठा निमित्त आयोजित पन्चान्हिका महोत्सव के द्वितीय दिवस प.पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरिश्वरजी म.सा. एवं आचार्य देवेश श्रीमद् विजय जयरत्न सुरिश्वर म.सा. की पावन निश्रा में शुक्रवार सुबह शुभ मुहूर्त में नवग्रह, दस दिग्पाल, अष्टमंगल एवं पाटला पूजन किया गया। जिसका लाभ मांगीलाल डांगी परिवार द्वारा लिया गया।
मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पगारिया ने बताया कि पूज्य मुनिराज निपूणरत्न विजयजी म.सा. ने अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि हमारी जीभ में कोई हड्डी नहीं होती, परंतु इसके कड़वे शब्द बोलने से अच्छे से अच्छों की हड्डियां टूट जाती है। अतः हमें सदैव अपनी जीभ पर लगाम रखना चाहिये। मुनिराज ने आगे कहा कि ज्ञानी भगवंत कहते हैं कि चार गड्ढे कभी नहीं मरते वो गड्ढे है पेट, समुद्र, श्मशान एवं लोभ मुनिराज ने कहा कि संसार की आसक्तियों को छोड़ना है तो भगवान की भक्ति करना चाहिये। दोपहर में पूज्य आचार्यद्वय की पावन निश्रा में 108 पार्श्वनाथ महापूजन किया गया जिसका लाभ सुरेशचंद्र हितेशकुमार पगारिया परिवार द्वारा लिया गया। प्रातः नवकारसी का लाभ सोहनलाल आंचलिया परिवार ने सुबह के स्वामी वात्सल्य का लाभ भंवरलाल अभयकुमार सकलेचा परिवार एवं शाम के स्वामी वात्सल्य का लाभ विजयकुमार चांदमल सकलेचा परिवार द्वारा लिया गया। शाम को कुमारपाल महाराजा के रूप में जुलूस के साथ भगवान की आरती करने का लाभ राहुलकुमार ऋषि कुमार चपलोद परिवार द्वारा लिया गया। संचालन राजेश पगारिया ने किया। दीप प्रज्जवलन प्रकाश गादिया, कांतिलाल पगारिया, मुकेश रांका, राजेश चपलोद, सुभाष कांठेड़, दिनेश जैन द्वारा किया गया। लाभार्थी एवं अतिथियों का बहुमान श्रीसंघ अध्यक्ष सुशील गिरिया, कांति सकलेचा, मुकेश रांका, राजेश पगारिया, प्रवीण गादिया, मनीष पीपाड़ा, अतुल चत्तर, निलेश संघवी, नवीन गिरिया, सोहन आंचलिया, दिनेश सकलेचा द्वारा किया गया। रात्रि 8 बजे जयंत ज्योति बहुपरिषद, बालिका परिषद एवं महिला परिषद की लगभग 50 महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा श्री सिध्दचक्र एवं श्रीपाल मयणा सुंदरी के जीवन चरित्र पर आधारित नाटक का मंचन लाईट एंड साउंड से औदिच्य ब्राह्मण धर्मशाला में किया गया जिसमें महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा करीब 1 माह की प्रेक्टिस करने के बाद नाट्य को मूर्त रूप दिया गया। उल्लेखनीय है कि प्राचीन उज्जैन नगरी श्रीपाल महाराजा एवं मयणासुंदरी ने सिध्दचक्र की आराधना करके श्रीपाल महाराज ने अपनी कोड़ से मुक्ति मिल गयी थी। उनके जीवन चरित्र को नाटक के माध्यम से प्रस्तुति की गई। यह नाट्य सिध्द चक्र के चमत्कार की गाथा है। इस नाट्य का मंचन सफल निर्देशन रंगकर्मी के.बी. पंड्या के द्वारा किया गया।
आज अट्ठारह अभिषेक एवं नूतन मंदिर में चैत्य अभिषेक पूजा
प्रतिष्ठा महोत्सव के मीडिया प्रभारी राजेन्द्र पगारिया एवं राजेन्द्र पटवा के अनुसार आज शनिवार को प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन पूज्य आचार्यद्वय श्रीमद् विजय नित्यसेन सुरिश्वर म.सा. एवं जयरत्न सुरिश्वर म.सा. की पावन निश्रा में प्रातः शुभ मुहूर्त में अट्ठारह अभिषेक एवं नूतन मंदिर चैत्य अभिषेक पूजा होगी। दोपहर में गौतम स्वामीजी का महापूजन होगा। शाम को 7.30 बजे भव्य भक्ति संध्या का आयोजन होगा। भक्ति संध्या में प्रसिध्द भजन संगीत सम्राट विपिन पोरवाल अपनी प्रस्तुति देंगे। शाम 7 बजे कुमारपाल महाराजा बनकर जुलूस के साथ भगवान की आरती होगी। सभी कार्यक्रमों में समाजजनों से पधारने की अपील संघ अध्यक्ष सुशील गिरिया, राजमल चत्तर, सुरेश पगारिया, कपिल सकलेचा, पुष्पेन्द्र जैन, विजय गादिया, प्रकाश गादिया, राजेश पगारिया, नवीन गिरिया, मनीष पीपाड़ा, अतुल चत्तर, निलेश संघवी आदि ने की है।

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