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नीलगंगा पड़ाव स्थल पर सभी सात शैव अखाड़ों के लिए जमीन देने का प्रस्ताव



नीलगंगा पड़ाव स्थल पर शैव संप्रदाय के सभी सात अखाड़ों के लिए जमीन तय की जा सकती है। अभा अखाड़ा परिषद इस जमीन को संरक्षित करने के लिए यह प्रस्ताव शुक्रवार को होने वाली बैठक में लाएगी। सिंहस्थ में इस स्थान से ही अधिकतर अखाड़ों की पेशवाई निकलती है। लेकिन इस खाली जमीन पर लगातार हो रहे अतिक्रमण और बढ़ती बसाहट से साधु-संत चिंतित हैं। वे चाहते हैं जमीन का संरक्षण किया जाए ताकि सिंहस्थ में यहां से पेशवाई निकालने में जमीन की कमी महसूस न हो।

सिंहस्थ 2016 में भी नीलगंगा पड़ाव स्थल पर से अखाड़ों की पेशवाई निकाली गई थी। यह स्थान सिंहस्थ क्षेत्र के नजदीक है तथा शहर के बीच भी है। सिंहस्थ 2016 के पहले इस स्थान को विकसित करने पर राज्य सरकार ने करोड़ों रु. खर्च किए थे। तालाब का जीर्णोद्धार करने के साथ मंदिरों व घाट का विकास कराया था। यहां भव्य प्रवेश द्वार तथा सौंदर्यीकरण भी किया गया। इसी के एक किनारे पर जूना अखाड़े की निजी जमीन पर अखाड़े की इमारत का निर्माण भी हो रहा है। पड़ाव स्थल को संरक्षित करने के लिए सिंहस्थ में कोई उपाय नहीं किए गए। इसलिए अब अखाड़ा परिषद इस जमीन की सुरक्षा के लिए बैठक में प्रस्ताव लाएगी। अभा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरिजी महाराज का कहना है कि यहां शैव संप्रदाय के सभी सात अखाड़ों को जमीन दी जा सकती है ताकि वे यहां अपना स्थान बना सकें। इससे जमीन की सुरक्षा भी होगी। अतिक्रमण नहीं होगा। यहां की जमीन पर कॉलोनियां बन गई हैं और आसपास बसाहट बढ़ती जा रही है। किसी विवाद से बचने के लिए जमीन की सुरक्षा के इंतजाम किए जाना चाहिए। बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। सिंहस्थ के दौरान तेरह अखाड़ों के लिए निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई थी। कुछ अखाड़ों में निर्माण कार्य अधूरे हैं या काम बाकी है। बैठक में इन मामलों में भी प्रशासन से आग्रह करेंगे कि वे काम पूरे कराएं। अखाड़ों के विकास और साधु-संतों के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

पहुंचे साधु-संत, कल षोडशी भंडारा

अखाड़ा परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए अध्यक्ष नरेंद्र गिरि, महामंत्री हरि गिरि, निर्मोही अखाड़े के श्रीमहंत राजेंद्र दास पहुंच गए हैं। अन्य अखाड़ों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल होंगे। अखाड़ों के स्थानीय साधु-संत भी बतौर प्रतिनिधि आएंगे। तीन फरवरी को दोपहर 12.30 बजे जूना अखाड़े में ब्रह्मलीन पीर गादीपति परमानंद पुरी का षोडशी भंडारा भी होगा तथा नए पीर गादीपति का चुनाव भी किया जाएगा। इस संबंध में अखाड़े के पंचों के बीच गुरुवार को भी मंथन हुआ। नाम तय हो गया है। शनिवार को नाम की घोषणा की जाएगी तथा अखाड़े की परंपरा के अनुसार नए गादीपति को विराजित किया जाएगा।

अभा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि का स्वागत करते श्रीमहंत रवींद्र गिरि।

श्रीमहंत सुंदर पुरी होंगे नए पीर गादीपति

दत्त अखाड़ा के नए पीर गादीपति श्रीमहंत सुंदर पुरीजी महाराज होंगे। वे जूना अखाड़े के संन्यासी हैं तथा ब्रह्मलीन पीर परमानंद पुरीजी महाराज के सांसारिक जीवन के भाई हैं। जूना अखाड़ा के श्रीमहंत हरि गिरिजी महाराज के अनुसार सुंदर पुरीजी को तीन फरवरी को सुबह 9 बजे दत्त अखाड़ा में गादीपति की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके पहले सुंदर पुरीजी महाराज शुक्रवार को शहर के सभी मंदिरों और साधु-संतों की समाधियों पर जाकर आशीर्वाद लेंगे। वे इस दौरान मीडिया से भी चर्चा करेंगे तथा बताएंगे कि दत्त अखाड़े के पीर गादीपति शिप्रा को पार क्यों नहीं करते। अभा अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरिजी के अनुसार शुक्रवार को होने वाली परिषद की बैठक में सिंहस्थ और कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर मंथन किया जाएगा। नीलगंगा पड़ाव स्थल के संरक्षण को लेकर भी चर्चा होगी।

 

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