top header advertisement
Home - उज्जैन << मानव अधिकार अतिक्रमण के मामले जांचकर्ता स्वविवेक से भी कार्यवाही की सिफारिश कर सकता है

मानव अधिकार अतिक्रमण के मामले जांचकर्ता स्वविवेक से भी कार्यवाही की सिफारिश कर सकता है


    उज्जैन । मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम-1993 की धारा 18(क) में बताये गये प्रावधानों का पालन किये जाने के सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इस सम्बन्ध में अपर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागों के अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम-1993 की धारा 18(क) के अनुसार जहां जांच में किसी लोकसेवक द्वारा मानव अधिकारों का अतिक्रमण या मानव अधिकारों के अतिक्रमण निवारण में उपेक्षा या मानव अधिकारों के अतिक्रमण का उत्प्रेरण प्रकट होता है तो वहां वह सम्बन्धित सरकार या अधिकारी को ऐसी कार्यवाही करने की सिफारिश कर सकेगा, जिसे वह स्वविवेक से ठीक समझे। वह शिकायतकर्ता या पीड़ित व्यक्ति या उसके कुटुंब के सदस्यों को ऐसा प्रतिकर या नुकसानी का संदाय करने की सिफारिश कर सकेगा, जो आयोग आवश्यक समझे, वह सम्बन्धित व्यक्ति या व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोजन के लिये कार्यवाहियां आरम्भ करने या कोई अन्य समुचित कार्यवाही करने के लिये सिफारिश कर सकेगा, जो आयोग ठीक समझे।

 

Leave a reply