गुरुद्वारा सुखसागर के सामने जलाया अलाव, सिख समाज के लोगों ने परिक्रमा कर नवविवाहित बहू व नवजात को दिया आशीर्वाद
सिख समाज ने सोमवार को गुरुद्वारा सुख सागर फ्रीगंज में सामूहिक रूप से लोहड़ी पर्व मनाया। बड़ी संख्या में एकत्र समाज के लोगों ने अलाव जलाया। उसके आसपास परिक्रमा की। नव विवाहित बहू और नवजात की पहली लोहड़ी पर उन्हें आशीर्वाद दिया। मंगलवार को गुरुद्वारा सुख सागर का 30वां स्थापना मनाया जाएगा।
गुरुद्वारा सुख सागर के अध्यक्ष चरणजीत सिंह कालरा ने बताया कि लोहड़ी पर्व सोमवार को रात 8 बजे से भाई पलविंदर सिंह का कीर्तन दरबार, अरदास एवं प्रसाद वितरण के बाद समूह साध-संगत ने एकत्रित होकर मनाया जाएगा। लंगर की सेवा की। दि
लजीत सिंह गांधी ने बताया कि मंगलवार को गुरुद्वारा सुख सागर का 30वां स्थापना मनाया जाएगा। इसके लिए गुरुद्वारा साहिब की फूलों से सजाया जाएगा। परिसर में रंग-बिरंगी रोशनी की गई है। सुबह 8 बजे से रागी जत्था भाई पलविंदर सिंहजी अमृतसर वाले का शब्द कीर्तन दरबार होगा और लंगर की सेवा भी की जाएगी।
सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एसएस नारंग ने बताया कि लोहड़ी का त्योहार अलाव जलाने से शुरू होता है, जो गर्म दिनों के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। पारंपरिक लोहड़ी व्यंजन जिनमें मक्की की रोटी, गजक, रेवड़ियां और सरसों का साग का लुत्फ उठाते हैं।
सिख समाज में गुरुद्वारे पर सामूहिक लोहड़ी के अतिरिक्त घरों में एकत्रित होकर भी लोहड़ी के अवसर पर नव विवाहित बहू की शादी के बाद और नवजात शिशु की प्रथम लोहड़ी को धूमधाम से मनाया गया। इसमें बड़ी संख्या में समाज और रिश्तेदार इकट्ठे होकर बीच में लकड़ी जलाते हैं। उसकी परिक्रमा करते हुए उसमें तिल, गुड़, मक्का, पोहा, रेवाड़ी अग्नि में डालते हैं।