स्वच्छता सर्वेक्षण नहीं भ्रस्टाचार सर्वेक्षण में नंबर वन बनेगा नगर निगम ,उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों का खेल जहां पुलिया ही नहीं वहां रैलिंग लगाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपे खा गए.
उज्जैन। स्वच्छता में नंबर 1 बन पाये या न बन पाये लेकिन नगर निगम अपने हूनरमंद अधिकारियों के दम पर भ्रष्टाचार में नंबर वन बनने की होड़ में आगे निकलने को उत्सुक है। ऐसा ही एक कारनामा सामने आया है जिसमें वार्ड क्रमांक 47 स्थित सार्थक नगर में पुलिया पर रैलिंग लगाने के नाम पर डेढ़ लाख की राशि स्वीकृत हुई और उसका भुगतान भी प्राप्त कर लिया। लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि जिस जगह पुलिया बताई गई वहां न तो कोई पुलिया है और न ही उस क्षेत्र में कहीं स्टील की रैलिंग लगी है। कार्यपालन यंत्री ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन ने ठेकेदार को ऐसी पुलिया पर रैलिंग बनाने का ठेका दिया जो है ही नहीं।समाजसेवी धनराज गेहलोत के अनुसार 29 जनवरी 2016 को ठेकेदार कमलेश पगारिया को वार्ड क्रमांक 47 स्थित सार्थक नगर में गली नंबर 3 में पुलिया पर रैलिंग निर्माण कार्य का काम दिया था। जिसके लिए 16 दिसंबर 2015 को निविदा आमंत्रित की गई थी तथा उपायुक्त द्वारा 13 जनवरी 16 को इस कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई थी। ठेकेदार को दिये वर्क ऑर्डर में निर्देश थे कि उपयंत्री से कार्य के स्पेसिफिकेशन समझकर उनके निर्देशानुसार 7 दिन में काम प्रारंभ कर दें। साथ ही 1 माह में काम पूरा करने के निर्देश दिये गये थे। साथ ही आदेश दिये गये थे पुलिया पर रैलिंग लगाने के बाद कार्यस्थल पर सूचना फलक लगाने एवं कार्य प्रारंभ होने तथा कार्य पूर्ण होने का फोटोग्राफ भी प्रस्तुत करने के आदेश थे। यह सब सख्त आदेश सिर्फ कागज पर दिये गये क्योंकि हकीकत के धरातल पर न तो इस सार्थक नगर में गली नंबर 3 में कोई पुलिया है और न ही इस पर कोई रैलिंग लगी। सात दिनों में काम शुरू करने और एक माह में पूरा करने के आदेश तो हुए लेकिन न तो काम शुरू हुआ और न ही पूरा, और पुलिया पर रैलिंग लगाकर सूचना फलक कहां से लगाते। हां कार्यपालन यंत्री ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन द्वारा ठेकेदार को दिये गये इस काम के डेढ़ लाख का भुगतान जरूर 12 अगस्त 2016 को कर दिया गया। धनराज गेहलोत ने आरोप लगाया की ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन तथा नगर निगम के अन्य अधिकारियों द्वारा खुले रूप से भ्रष्टाचार किये गये हैं। कुछ दिन पहले सार्थक नगर में ही सड़क बनाये बिना 4 लाख से अधिक रूपये का भुगतान लेने की शिकायत की थी उसे दबाने के लिए अधिकारियों द्वारा फिर से सड़क बना दी गई। अब जल्द ही इन मामलों को लेकर न्यायालय में वाद दायर करेंगे।