पद्मश्री अरुणिमा के साथ महाकाल मंदिर में अभद्रता से शहर शर्मशार- विवेक यादव
उज्जैन। महाकाल दर्शन करने आई एवरेस्ट फतह करने वाली अरुणिमा सिन्हा के साथ मंदिर प्रशासन द्वारा की गई अभद्रता ने उज्जैन नगर को शर्मिंदा किया है।
यह बात कहते हुए कांग्रेस नेता विवेक यादव ने मांग की है कि अरुणिमा से मुख्यमंत्री, उज्जैन के सांसद, विधायक और महापौर को माफी मांगनी चाहिए। यादव ने कहा कि महाकाल मंदिर से आय कैसे हो, कैसे यहां पर श्रद्धालुओं से ज्यादा से ज्यादा दान कराया जा सके नए-नए हठधर्मी प्रयोग कर कैसे पुरातन महत्व को घटाकर आधुनिक चकाचौंध से लैस किया जाए। शायद इन सब बातों पर ध्यान देने की वजह से महाकाल मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन मंदिर में विश्व भर से आए दर्शनार्थियों से आर्थिक आधार पर भेदभाव करते हैं अगर वे वीआइपी रसीद कटवा कर दक्षिणा बांटते हुए मंदिर तक नहीं आते हैं, अगर वे किसी भाजपा के मंत्री, विधायक या सांसद की रिकमंड पर नहीं आए हैं तो समझ लो उनके साथ अभद्रता होना दर्शन करने में परेशानी होना जैसी घटनाएं महाकाल पर होती ही है। हाल ही में पदमश्री अरुणिमा के साथ जो हुआ वह सहनीय नही है। महाकाल मंदिर आरएसएस और भाजपा के लोगों को लाभ पहुंचाने का साधन बनता जा रहा है। महाकाल मंदिर के आसपास की जमीनों पर कब्जा कर आरएसएस और भाजपा राजनीतिक लाभ लेते हुए यह अपनी दुकानें बना रहे हैं। कुछ दिनों बाद होने वाले शेव महोत्सव का भी पूरी तरह भाजपाईकरण कर दिया गया है पहली बार ऐसा होगा कि महाकाल मंदिर में आये दान की राशि किसी आयोजन में खर्च की जाएगी।
यादव ने कहा कि अब निश्चित रूप से उज्जैन की जनता को भाजपा के सामने मुखर होना पड़ेगा और महाकाल मंदिर में होने वाली अव्यवस्थाओं का विरोध करते हुए आधुनिक चकाचोंध के चक्कर में पड़े प्रशासन को चेताना होगा कि भगवान भोलेनाथ महाकाल का मंदिर धूनी रमैया स्वभाव के भगवान श्री शिव का मंदिर है। पुरातात्विक महत्व की परंपराओं को बिल्कुल नहीं छेड़ा जाना चाहिए इस तरीके की मांग करते हुए पूरे नगर को आंदोलित होना पड़ेगा तब जाकर मंदिर के बहाने अपनी राजनीति और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाली भाजपा षड्यंत्र करना बंद कर धर्म की आड़ में राजनीति करना बंद करेगी।