महिला अपराधों की रोकथाम में मीडिया की अहम भूमिका पुलिसकर्मी मीडिया के साथ करें सौम्य व्यवहार
महिला अपराधों के प्रति संवेदनशीलता के लिए पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न
उज्जैन। महिला अपराधों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने के लिए पुलिस
मुख्यालय के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय उज्जैन द्वारा जिला स्तर पर प्रधान आरक्षक से निरीक्षक
स्तर तक के अधिकारियों के प्रशिक्षण का आयोजन पुलिस कंट्रोल रूम में किया गया। प्रशिक्षण में अन्य
विषयों के साथ मीडिया की भूमिका एवं उनके साथ व्यवहार विषय पर भी जानकारी दी गई।
विषय विशेषज्ञ के रूप में उप संचालक जनसम्पर्क श्री पंकज मित्तल द्वारा शनिवार को पुलिस कंट्रोल
रूम उज्जैन में जानकारी देते हुए बताया गया कि महिला अपराधों की रोकथाम में मीडिया की अहम भूमिका
है। मीडिया के माध्यम से न केवल महिला अपराधों की प्रभावी रोकथाम की जा सकती है, अपितु जन-
सामान्य में महिलाओं के प्रति सम्मान एवं उनकी सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता फैलाई जा सकती है। इस
अवसर पर प्रशिक्षण संचालक डीएसपी श्री आनन्द सोनी, महिला थाना प्रभारी उज्जैन श्रीमती रेखा वर्मा सहित
उज्जैन जिले के लगभग 50 पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
केवल अधिकृत अधिकारी वक्तव्य दें
मीडिया कर्मियों के साथ व्यवहार के सम्बन्ध में उप संचालक श्री मित्तल ने बताया कि पुलिस कर्मियों
को मीडिया के साथ सौम्य एवं सम्मानजन व्यवहार करना चाहिए। उन्हें अधिकृत जानकारियां उपलब्ध कराई
जानी चाहिए। मीडिया को जानकारियां जनसम्पर्क विभाग अथवा पुलिस में वक्तव्य एवं जानकारियां देने के
लिए अधिकृत अधिकारियों के माध्यम से दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि शासकीय सेवकों के सिविल
सेवा आचरण नियमों के अनुसार शासकीय सेवक मीडिया को सीधे जानकारियां अथवा वक्तव्य देने के लिए
अधिकृत नहीं है। सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त आावेदनों को छोड़कर वे सीधे
जानकारियां, वक्तव्य, इंटरव्यू अथवा बाइट न दें। अधिकृत अधिकारी के माध्यम से ही जानकारियां दी जाएं।
कैसे करें फर्जी व असली पत्रकार की पहचान
असली एवं फर्जी पत्रकारों के सम्बन्ध में श्री मित्तल ने बताया कि असली पत्रकार वह है जो किसी
नियमित रूप से प्रकाशित/प्रसारित होने वाले समाचार-पत्र, पत्रिका, न्यूज एजेन्सी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वैब
मीडिया के लिए कार्य करता है। शंका होने पर सम्बन्धित पत्रकार से विनम्रतापूर्वक उनका आईडी दिखाने के
लिए कहें। यदि आईडी फर्जी प्रतीत हो तो सम्बन्धित जिले के जनसम्पर्क कार्यालय के माध्यम से अथवा
सीधे मीडिया संस्थान के हैड आफिस से उसकी सत्यता की जांच करा लें। इस दौरान पुलिसकर्मी अपना
व्यवहार सौम्य रखें।
गलत अथवा अपमानजनक समाचार छापने पर कार्रवाई
समाचार-पत्रों/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में गलत अथवा अपमानजनक समाचार छापने पर उसके खंडन के
लिए सम्बन्धित पत्र/मीडिया के सम्पादक को शिकायत करने के साथ ही सम्बन्धित जनसम्पर्क कार्यालय
तथा प्रेस कौंसिल ऑफ इण्डिया में भी शिकायत की जा सकती है। इसके साथ ही व्यक्तिगत रूप से पुलिस
तथा न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराया जा सकता है। इस पर सम्बन्धितों द्वारा जांच उपरान्त नियमानुसार
कार्रवाई की जाती है।
पत्रकारों के लिए न्यूनतम योग्यता
पत्रकारों के लिए न्यूनतम योग्यता के विषय पर पूछे जाने पर श्री मित्तल ने बताया कि शासन द्वारा
अधिमान्य पत्रकार के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की गई है, जिसके अन्तर्गत जिला स्तरीय
अधिमान्यता के लिए स्नातक होना तथा तहसील स्तरीय के लिए हाईस्कूल/हायर सेकेण्ड्री योग्यता है, परन्तु
सामान्य रूप से पत्रकार के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है।
प्रशिक्षण संचालक श्री आनन्द सोनी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर महिला अपराधों के
प्रति संवेदनशीलता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण आगामी 3 माह तक प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को पुलिस
कंट्रोल रूम उज्जैन में आयोजित किया जाएगा।