युवा उद्यमी योजना का लाभ उठाकर जितेन्द्र बने बड़े व्यवसायी
उज्जैन । युवा जितेन्द्र अब बड़े व्यवसायी बन गये हैं। जितेन्द्र शर्मा ने राज्य शासन की
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का फायदा उठाया है। पहले वे मात्र फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी का कार्य करते थे।
प्रतिस्पर्धा के कारण आमदनी सीमित थी। आजकल विभिन्न आयोजनों में स्टेज या परिसर में चल रही
गतिविधि को मौजूद सभी व्यक्तियों तक सुलभ रूप से पहुंचाने के लिये एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण
की व्यवस्था करना प्रचलन में आ चुका है। इसमें व्यापक आमदनी की संभावना को देखते हुए सोच-समझकर
जितेन्द्र ने पूर्व कार्य के साथ ही एलईडी स्क्रीन लगाने के व्यवसाय में हाथ आजमाने की सोची और मुख्यमंत्री
युवा उद्यमी योजना की मदद से ज्यादा कमाई के सपने को साकार किया है।
सैलाना के विवेकानन्द मार्ग पर निवासरत एक बैंककर्मी के पुत्र जितेन्द्र यूं तो 10-12 सालों से
फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी का काम कर रहे थे, लेकिन इस प्रतिस्पर्धा के युग में उनको पर्याप्त आय नहीं हो रही
थी। इसी बीच उन्होंने ड्रोन कैमरा भी ले लिया। इससे आये में थोड़ी-सी बढ़ोत्री तो हुई, लेकिन जो आमदनी
चाहिये थी, वह नहीं हो रही थी। तब जितेन्द्र ने इसके साथ ही कुछ और व्यवसाय करने का सोचा। उन्होंने
देखा कि आजकल शादी-ब्याह, धार्मिक आयोजनों आदि में कार्यक्रम के दौरान एलईडी स्क्रीन लगाने का
प्रचलन हो रहा है, जिससे पैसा भी अच्छा मिलता है। इसकी बड़ी मांग को देखते हुए इस व्यवसाय के बारे में
जानकारी ली, तो पता चला कि इसमें 10 से 12 लाख रूपये चाहिये, जो उनके पास नहीं थे। काम शुरू करने
में धनाभाव सबसे बड़ी बाधा थी। इन्हीं दिनों समाचार-पत्रों के माध्यम से जितेन्द्र को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी
योजना की जानकारी मिली, जिसमें स्वरोजगार एवं स्वउद्यम के लिये युवाओं को 10 लाख से लेकर एक
करोड़ रूपये तक की राशि शासन द्वारा बैंकों के माध्यम से दिलाई जाती है।
तब जितेन्द्र रतलाम जाकर जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय के अधिकारी से मिले। अधिकारी ने
मार्गदर्शन दिया तथा प्रोजेक्ट तैयार करने की सलाह दी। चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा जितेन्द्र ने अपना एलईडी
व्यवसाय का प्रोजेक्ट तैयार कर बीते सितम्बर माह में जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय में प्रस्तुत किया।
उद्योग कार्यालय ने जितेन्द्र का ऋण प्रकरण बैंक में स्वीकृति हेतु जमा कर दिया। जांच-पड़ताल पश्चात बैंक
द्वारा जितेन्द्र को 12 लाख रूपये स्वीकृत कर दिये गये। प्रथम किश्त के रूप में 8 लाख 70 हजार रूपये
उन्हें सैलाना की सेन्ट्रल बैंक शाखा द्वारा दिये गये। इस राशि से जितेन्द्र ने अहमदाबाद जाकर 2 गुणा 2
साइज के 25 एलईडी स्क्रीन पैनल, केबल, सर्विस केबल आदि उपकरण खरीदे और अपना काम शुरू कर
दिया। सैलाना में यह कार्य करने वाले जितेन्द्र पहले व्यक्ति हैं, लेकिन जितेन्द्र का मुख्य व्यवसाय रतलाम
में होता है, यहां उन्होंने एसके एलईडी के नाम से रेल नगर में अपनी शॉप स्थापित की है। रतलाम बड़ा शहर
एवं जिला मुख्यालय होने से वहां धार्मिक आयोजन, शादी-ब्याह, शासकीय कार्यक्रम ज्यादा होते हैं, इसलिये
जितेन्द्र को ज्यादातर वर्क ऑर्डर रतलाम से प्राप्त होते हैं। रतलाम उनके गृह नगर सैलाना से मात्र 20 किलो
मीटर की दूरी पर है। अन्य स्थानों से भी उन्हें काम मिलता है। जितेन्द्र प्रति कार्यक्रम 8 हजार रूपये लेते
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हैं। यदि ड्रोन की सेवा भी आयोजक लेते हैं तो यह राशि बढ़कर 12 से 13 हजार रूपये प्रति कार्यक्रम ली
जाती है। शादियों के सीजन में उनका काम बहुत बढ़ जायेगा। मात्र दो माह में अपनी मेहनत और लगन के
बलबूते जितेन्द्र अपनी मासिक आय को एलईडी स्क्रीन व्यवसाय के द्वारा चौगुना कर चुके हैं। उन्हें द्वितीय
किश्त की शेष राशि भी मिलने वाली है, जिससे अपने एलईडी पैनल की संख्या को 40 तक करने वाले हैं,
जिससे वे दो कार्यक्रम एकसाथ कर सकेंगे, उनकी आमदनी और बढ़ जायेगी।
अब दो बच्चों सहित उनका परिवार सुखी और समृद्ध है। इसका पूरा श्रेय जितेन्द्र राज्य शासन की
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना को देते हैं। वे कहते हैं कि इस योजना से मिली राशि ने उनके सपने को
साकार किया है। इसका लाभ अन्य युवाओं को भी लेना चाहिये, जो अपने बड़े व्यवसाय के सपने को पूरा
करना चाहते हैं। जितेन्द्र अपने काम से कार्यक्रमों के दौरान दो से तीन अन्य बेरोजगार लड़कों को भी
रोजगार देते हैं।