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भारत के इस गांव में भी है एक 'राष्ट्रपति भवन', अंदर से दिखता है ऐसा



रायपुर। राष्ट्रपति भवन का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में दिल्ली में स्थित राजपथ की वो तस्वीरें आखों के सामने घूमने लगती हैं। घूमें भी क्यों न आखिर राष्ट्रपति भवन तो वहीं है, लेकिन जब आपको पता चलेगा कि एक और राष्ट्रपति भवन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के एक गांव में भी है तो बेशक आप चौंक जाएंगे। दरअसल यहां एक ऐसा भवन है जिसपर बाकायदा राष्ट्रपति भवन का बोर्ड लगा है। इस भवन का भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से कनेक्शन है। 
छत्तीसगढ़ में अजब-गजब परंपराओं के साथ ही यहां अजब-गजब स्पॉट भी हैं। dainikbhaskar.com अजब-गजब छत्तीसगढ़ सीरिज के तहत आपको इन स्पॉट से रूबरू करा रहा है।

- अंबिकापुर से 10 किलोमीटर दूर मनेंद्रगढ़ रोड पर बसे पंडोनगर में स्थित है यह राष्ट्रपति भवन। इस भवन में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दो दिन का समय बिताया था।
- वे 22 नवंबर 1952 को यहां आए थे। उनके ठहरने के लिए यह भवन बनाया गया था। इस भवन के रख-रखाव और देख-रेख का काम ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन करता है।
 डॉ. प्रसाद ने पंडोनगर में एक व्यक्ति से पूछा कि आज क्या तुमने रोटी खाई है? इसका जवाब सुन वे चौंक गए थे। उन्हें लगा कि देश में ऐसे भी लोग हैं।
- उस शख्स अपनी स्थानीय भाषा में जो कहा उसका भावानुवाद ये है कि रोटी क्या चीज है। हमने तो कभी नाम भी नहीं सुना है इसका।
- चूंकि उस वक्त ये इलाका पूरा जंगल का था और यहां के ट्राइबल जंगली फल जंगली वनस्पति पर निर्भर थे।
इस जवाब ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को हिलाकर रख दिया। उन्होंने कहा कि ये हमारे देश की ही जनता है जिसने कभी रोटी नहीं देखी।
- उन्होंने यहां की रहवासी पंडो जनजाति को गोद ले लिया और अपने दत्तक पुत्र का दर्जा दिया।
- इसके बाद उन्होंने इन आदिवासियों के साथ करमा डांस किया। उस वक्त राष्ट्रपति के साथ डांस कर चुकीं जयंती बाई बताती हैं कि राष्ट्रपति से मिलकर ऐसा लगा कि हम भी इसी देश में रहते हैं। उस वक्त जयंती बाई की उम्र 25 साल की थी।
 इस राष्ट्रपति भवन की मरम्मत 2006 में सरगुजा कलेक्टर मनोज कुमार पिंगुआ ने ग्रामीणों के सहयोग से करवाया था।
- राष्ट्रपति द्वारा उस समय लगाया गया खैर का पौधा अब पेड़ बन गया है।
- गांव के लोग सामूहिक रूप से हर साल देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का धूमधाम के साथ जन्मदिन मनाते हैं।

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