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एमपी में कांग्रेस का आज बंद का ऐलान, मंदसौर में किसान की हिंसा के दौरान फायरिंग हुई 6 किसानों की मौत


मध्य प्रदेश में जारी किसान आंदोलन में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है। मंगलवार को मंदसौर में आंदोलनकारियों ने 8 ट्रक और 2 बाइक को आग के हवाले कर दिया। पुलिस और सीआरपीएफ पर पथराव भी किया। हालात पर काबू पाने के लिए सीआरपीएफ ने फायरिंग की, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। घटना के विरोध में किसान संगठनों और कांग्रेस ने बुधवार को मध्य प्रदेश बंद का एलान किया है। राहुल गांधी और हार्दिक पटेल बुधवार को मंदसौर जाएंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे।

- राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने बुधवार को आधे दिन प्रदेश बंद का आह्वान किया है। बंद को देखते हुए इंदौर पुलिस और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने हाईवे, मुख्य मार्ग और शहर में एंट्री प्वाइंट्स पर 1100 से ज्यादा जवानों को लगाया है। ये जवान शहर में दूध-सब्जी लाने वालों की सुरक्षा करेंगे। एक दिन की शांति के बाद मंगलवार को इंदौर में फिर चोइथराम मंडी के बाहर कुछ किसानों ने प्रदर्शन किया।
 
- गर्मियों की छुट्टियों के बाद कुछ सरकारी और निजी स्कूल 6 जून से खुल गए थे, लेकिन डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बुधवार को छुट्टी के आदेश जारी किए हैं।

- उधर, भोपाल में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और कांग्रेस के बंद के एलान का असर लो फ्लोर बस सेवा समेत दूध की सप्लाई पर भी पड़ सकता है। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस का कहना है कि रोज की तरह सब्जी मंडी, टीटी नगर मार्केट, चौक बाजार और बैरागढ़ खुला रहेगा। हॉस्पिटल्स के आसपास भी पुलिस बल तैनात किया जाएगा।

 मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने घटना के बाद कहा था कि हमनें गोली चलाने के आदेश नहीं दिए। इससे पहले भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि पुलिस या सीआरपीएफ की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई।

- कांग्रेस के स्पोक्सपर्सन केके मिश्रा ने बताया कि राहुल गांधी बुधवार को मंदसौर पहुंचेंगे। वे किसानों से मुलाकात भी करेंगे।

- बता दें कि किसान कर्ज माफी समेत कई मांगें कर रहे हैं। एक धड़े का सरकार से समझौता हो चुका है। इसके बावजूद हिंसा जारी है।

किसान आंदोलन पर किसने क्या कहा?
1) सीएम शिवराज सिंह चौहान- "चर्चा के माध्यम से हर समस्या के हल के लिए हमेशा तैयार हूं। हिंसा फैलाने वालों के मंसूबे कामयाब नहीं होने दें। हमारी सरकार किसानों के साथ हमेशा खड़ी है। कुछ राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों ने षड्यंत्र के तहत आंदोलन को हिंसक रूप देने की कोशिश की।"

2) राहुल गांधी- "सरकार देश के किसानों के साथ जंग लड़ रही है।"

3) किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा- "आंदोलनकारी असामाजिक नहीं, बल्कि सरकार असामाजिक तत्वों के हाथ में हैं। यह उसी बयान का परिणाम है, जिसमें गृह मंत्री ने कहा था कि आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटेंगे।"

4) पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कमलनाथ ने कहा- "निहत्थे किसानों को झुकाने के लिए गोलियां, लाठियां चलाने से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में अघोषित आपातकाल लग गया है।" 

5) नेता प्रतिपक्ष, अजय सिंह ने कहा- "किसानों पर मुख्यमंत्री के इशारे गोली चलाई गई है। एक दिन पहले सीएम ने किसानों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा था जो जिला प्रशासन ने कर दिखाया।" 

6) पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- "यह शिवराज सरकार का कायराना काम है। प्रदेश के इतिहास में आज की यह घटना काला दिन है। मामले की न्यायिक जांच और दोषियों पर कार्रवाई हो।"
हिंसा में 28 गाड़ियां जलाई गईंं

- मंगलवार को मंदसौर-नीमच रोड पर करीब एक हजार किसानों ने चक्का जाम कर दिया। यहीं से हिंसा भड़की। इसके बाद 8 ट्रकों और 2 बाइकों में आग लगा दी। पुलिस और सीआरपीएफ ने हालात संभालने की कोशिश की। लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद फायरिंग हुई।

- मारे गए लोगों के नाम कन्हैयालाल पाटीदार निवासी चिलोद पिपलिया, बंटी पाटीदार निवासी टकरावद, चैनाराम पाटीदार निवासी नयाखेडा, अभिषेक पाटीदार बरखेडापंथ और सत्यनारायण पाटीदार बरखेडापंथ हैं। मंदसौर में ही घायल आरिफ नाम के शख्स को इंदौर ले जाया जा रहा था। रास्ते में नागदा के पास उसकी मौत हो गई।

- इसके बाद भीड़ ने मंदसौर में गराेठ रोड पर सीतामऊ टोल बूथ पर आग लगा दी। कुल 28 गाड़ियां जलाई गईं।

- मंदसौर में सोमवार से ही इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। फायरिंग के बाद जिला कलेक्टर ने पहले धारा 144 लगाई और इसके बाद कर्फ्यू लगा दिया।

- इस बीच, दिग्विजय सिंह ने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर हम मध्य प्रदेश की जनता से सपोर्ट की उम्मीद करते हैं। मध्य प्रदेश में बुधवार को बंद रहेगा।

सीएम ने दिए ज्यूडिशियल इन्क्वायरी के ऑर्डर
-मंदसौर की घटना पर शिवराज सिंह चौहान ने ज्यूडिशियल इन्क्वायरी के ऑर्डर दिए हैं। होम मिनिस्टर भूपेंद्र सिंह ने कहा- "छह दिन से आंदोलन को उग्र करने की साजिश हो रही है। पुलिस धैर्य से काम ले रही थी। असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के ऑर्डर दिए गए हैं।"

- सीएम ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़, नौकरी और घायलों को 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

किसानों की सरकार से क्या मांगें?
- किसान सेना के संयोजक केदार पटेल और जगदीश रावलिया के मुताबिक, किसानों ने मप्र सरकार को 32 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। इन पर सोमवार को सीएम से चर्चा हुई थी। उन्होंने इनमें से कुछ मांगें मंजूर कर ली थीं। पटेल के अनुसार की मुख्य मांगे ये हैं-

1) मप्र सरकार ने एक कानून बनाकर किसानों की जमीन लेने के बदले मुआवजे की धारा 34 को हटा दिया था और किसानों के कोर्ट जाने का अधिकार वापस ले लिया था। इस कानून को हटाना किसानों की पहली मांग है।
2) स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं, जिनमें कहा गया है कि किसी फसल पर जितना खर्च आता है, सरकार उसका डेढ़ गुना दाम दिलाए।
3) एक जून से शुरू हुए आंदोलन में जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। मप्र के किसानों की कर्ज माफी।
4) सरकारी डेयरी द्वारा दूध खरीदी के दाम बढ़ाए जाएं।

रविवार को शुरू हुई हिंसा
- मध्य प्रदेश का किसान आंदोलन रविवार को ज्यादा हिंसक हो गया था। रतलाम में पथराव से एक एएसआई की आंख फूट गई थी। सीहोर में सीएसपी, दो टीआई समेत 11 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। 

- सोमवार शाम ही उज्जैन में भारतीय किसान संघ के मेंबर्स और शिवराज सिंह चौहान के बीच मीटिंग हुई। इसमें किसानों की कई अहम मांगों को मान लिया गया था। मीटिंग के बाद संघ और किसान सेना ने आंदोलन खत्म करने का एलान किया। हालांकि, देर रात दो अन्य संगठनों किसान यूनियन और किसान मजदूर संघ ने कहा है कि हड़ताल जारी रहेगी। इसके बाद से हिंसा जारी है।

आठ रुपए किलो प्याज, समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेंगे: सीएम
- उज्जैन में सीएम चौहान ने भारतीय किसान संघ के साथ मीटिंग में एलान किया था कि सरकार किसानों से इस साल 8 रु. किलो प्याज और गर्मी में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेगी। खरीदी 30 जून तक चलेगी।

ये घोषणाएं भी की गईं
- मंडी में किसानों को 50 प्रतिशत नकद भुगतान तत्काल होगा, बाकी 50 प्रतिशत राशि आरटीजीएस के जरिए मिलेगी।
- सब्जी मंडियों को मंडी एक्ट के दायरे में लाया जाएगा।
- फसल बीमा को ऐच्छिक (Facultative) बनाया जाएगा। इससे किसानों को आढ़त नहीं देनी पड़ेगी।
- टाउन एंड विलेज इन्वेस्टमेंट एक्ट के तहत जो भी किसान विरोधी प्राेविजन्स होंगे, उन्हें हटाया जाएगा। 
- आंदोलन में किसानों के खिलाफ जो भी पुलिस केस बने हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा।

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