3 हजार किलोमीटर की यात्रा कर दे रहे नदियों और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश
अंकलेश्वर से यात्रा प्रारंभ कर उज्जैन पहुंचा 15 सदस्यीय दल-रामघाट पर दिलाई शपथ-घाटों पर रौपे पौधे
उज्जैन। नदियों की साफ-सफाई और पर्यावरण सुरक्षा के लिये गुजरात के अंकलेश्वर से निकला जूनियर चेम्बर इंटरनेशनल का 15 सदस्यीय दल बुधवार को उज्जैन पहुंचा। इस दल ने रामघाट पर नदियों और पर्यावरण को स्वच्छ, सुंदर एवं सशक्त बनाने की शपथ दिलाई। घाटों की सफाई की तथा क्षिप्रा के किनारों पर 100 पौधे रौपे।
जूनियर चेम्बर इंटरनेशनल की शाखा उज्जैन के अध्यक्ष पवन जैन के अनुसार नदियों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देने कार यात्रा लेकर
उज्जैन पहुंचे इस दल की यात्रा गुजरात के अंकलेश्वर में नर्मदा नदी के पूजन से प्रारंभ हुई। 15 सदस्यों का समूह दाहोद होते हुए उज्जैन पहुंचा यहां से कोटा, झांसी, मथुरा होते हुए वाराणसी में मां गंगा के पावन तट पर यात्रा का समापन होगा। करीब 3 हजार से अधिक किलोमीटर की इस यात्रा में यह
दल स्वच्छता के प्रति जागृत एवं सजग रहने, गंदगी नहीं करने और ना ही करने देने, आसपास के नदी, नालों एवं जल स्त्रोतों की नियमित रूप से सफाई करने और जलसंरक्षण के लिए लोगों में जागृति पैदा करने की शपथ दिला रहा है। साथ ही भारत को स्वच्छ, सुंदर एवं सशक्त बनाने के लिए महीने में एक दिन और साल में 12 दिन का समय समर्पित करने का वचन दिला रहे हैं। दल ने रामघाट पर भी शपथ दिलाकर साफ सफाई की तथा जागरूकता के लिए पेम्पलेट बांटे। जूनियर चेम्बर इंटरनेशनल उज्जैन शाखा के संस्थापक अध्यक्ष विवेक गुप्ता, संस्था अध्यक्ष पवन जैन, सचिव सिध्द बांझल, आनंद जड़िया, गिरीश सोनी, विशाल गांधी, अंकित पोरवाल, मूर्तजा शाकिर, अजय भावसार, नितेश माहेश्वरी, आलोक एरन, विनोद लुल्ला, अश्विन पोरवाल, नितीन गर्ग, सदस्य आईसीटी मृदुल बंसल, मनीष दुग्गड़, अमीष जैन, अजय मित्तल, अंकित बंसल ने दल में आए अंकलेश्वर प्रोजेक्टर चेयरमेन जे.सी. चिंतनवेकरिया, प्रेसीडेंट जे.सी. महेश बोरड, नरेन्द्र बेकरिया, जेसी घनश्याम बारोड़िया, धर्मेश पटेल, दीपक राय, ध्रूव वीरानी का स्वागत किया।
नदियों को मां-बाप की तरह अपनाना होगा
दल में आए प्रोजेक्टर चेयरमेन जे.सी. चिंतनवेकरिया ने कहा कि हिमालय की गोद से बहती नदी का रंग मनुष्य के लोभ लालच के कारण बदलता जाता है। इस सुजल जागृति यात्रा के माध्यम से नदियों को स्वच्छ रखने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छता रखना हर आदमी की नैतिक जिम्मेदारी है। हमें नदियों को अपने मां-बाप की तरह अपनाना होगा।