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किसान की जमीन हड़पकर बाले-बाले ४ करोड़ में बेची


 

प्रधानमंत्री मोदी से हुई शिकायत के बाद पीएमओ से उज्जैन कलेक्टर को मिले निर्देश

जनसुनवाई, सीबीआई, लोकायुक्त तक पहुंचा मामला, कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय से  पत्र क्रमांक पीएमओ, पीजीध्डी २०१७/००६५६/०१३८७०८ उज्जैन कलेक्टर के पास पहुंचा जिसके बाद प्रशासन अब किसान की शिकायत पर संज्ञान लेकर मदद का भरोसा दिला रहा है। मंगलवार को भी जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर संकेत भोंडवे को शिकायतकर्ता और पीड़ित किसान ने अपनी व्यथा सुनाई। कलेक्टर ने किसान को मदद का आश्वासन दिया है। विवेकानन्द निवासी परमजीत साहनी ने कलेक्टर को बताया कि त्रिवेणी विहार स्थित प्लॉट क्रमांक ए-३ को विकास प्राधिकरण ने उनके पिता किसान सुरजीत सिंह पिता हरनाम सिंह से हड़प लिया और बाले-बाले सिद्धी विनायक संस्था को २ करोड़ ९ लाख रुपये में बेच दिया। बाद में सिद्धी विनायक संस्था ने भी उक्त प्लॉट को ४ करोड़ ४६ लाख ३४ हजार ९०० रुपये में एवेन्यु सुपर मार्केट लिमिटेड मुंबई को बेच डाला। यहां किसान को न तो उक्त प्लॉट का मुआवजा  मिला और न ही जमीन। उक्त प्लॉट पर पीड़ित किसान ने अपनी और से निर्माण भी किया था, जो कि संस्था सिद्धी विनायक ने यूडीए को लिखे पत्र में स्वीकार भी किया है। 

१ अक्टूबर २०१० को प्लॉट क्रमांक ए-३ की विज्ञप्ति विकास प्राधीकरण ने निकाली थी। जिसमें व्यवसायिक भूखण्ड साईज १३/४५ वर्ग मीटर ९२४० की दर रखी गई थी। इस प्लॉट को यूडीए ने सिद्धी विनायक डेव्लपर्स (पंजीकृत नहीं है) को धरोहर राशि २५ लाख रुपये देकर पंजीयन कर दिया। इस तरह से सिद्धी विनायक संस्था प्रमुख किर्तिका मोड़ पति सुरेश मोड़ निवासी ५२, अलखधाम नगर को ४ किश्तों में २ करोड़ ९ लाख २५ हजार २१६ रुपये लेकर बेच दिया। जबकि किसान सुरजीतसिंह पिता हरनाम सिंह वर्षों से इस जमीन पर नर्सरी चलाकर जीवन यापन कर रहे थे। आज भी प्राधिकरण की मुआवजा सूची में किसान का नाम दर्ज नहीं है। इस पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त, सीबीआई और हाईकोर्ट, आवास पर्यावरण और मुख्यमंत्री तक विचाराधीन होने के कारण यूडीए को लीज होल्ड, फ्री होल्ड भी कर दिया जो कि नियमानुसार गलत है।

इसी प्लॉट को संस्था सिद्धी विनायक संचालक किर्तिका मोड़ और सुरेश मोड़ ने एवेन्यु सुपर मार्केट लिमिटेड मुंबई (डीमार्ट) को ४ करोड़ ४६ लाख ३४ हजार ९०० रुपये में बेच दिया। किसान ने जब स्वयं को ठगा सा महसूस कर विकास प्राधिकरण से न्याय की गुहार लगाई तो कहा कि कोर्ट जाओ या कहीं भी शिकायत करो, यहां से कुछ नहीं होगा। नियमानुसार किसान से यदि कोई प्लॉट या जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उस पर प्रस्तावित योजना को क्रियांवित करना होता है। जबकि विकास प्राधीकरण ने किसान से धोखाधड़ी कर प्लॉट को मोटी रकम लेकर बेच दिया और भूमाफिया किर्तिका मोड़ पति सुरेश मोड़ को उपक्रत कर दिया। 

लोकायुक्त में भी शिकायत

विकास प्राधीकरण ने त्रिवेणी विहार के इस प्लॉट पर योजना क्रमांक पी-८/९० बनाई जाने की बात कही थी और इस वादे से मुकरते हुए उक्त प्लॉट को बेच दिया। जहां आज वर्तमान में व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण चल रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत उज्जैन व भोपाल लोकायुक्त में शिकायतकर्ता परमजीत साहनी की और से की जा चुकी है। जांच पंजीबद्ध हो गयी है। 

किसान को २ लाख, भूमाफियाओं से २ करोड़

पीड़ित किसान सुरजीतसिंह पिता हरनामसिंह निवासी विवेकानन्द कॉलोनी की और से शिकायतकर्ता परमजीत साहनी ने कलेक्टर संकेत भोंडवे को जनसुनवाई मे मंगलवार को दिये आवेदन में कहा कि संस्था सिद्धी विनायक और एवेन्यु सुपर मार्केट लिमिटेड को विकास प्राधीकरण ने बेजा लाभ पहुंचाया और हम किसान परिवार से मात्र २ लाख रुपये मुआवजे की बात कही जा रही है। यह २ लाख की राशि भी हमने ली नहीं है क्योंकि अधिग्रहण की प्रक्रिया हमसे छुपाकर की गई। जिसका पता कई दिनों बाद चला। यूडीए ने हमारे प्लॉट से न सिर्फ बाले-बाले रुपये कमाए बल्कि भूमाफियाओं को भी फायदा पहुंचाया।

हाईकोर्ट में भी याचिका

पीड़ित किसान सुरजीतसिंह पिता हरनाम सिंह ने पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली है और याचिका दायर कर दी गई। जिसमें विकास प्राधिकरण, मध्यप्रदेश शासन, सिद्धी विनायक संस्था, डीमार्ट कंपनी के खिलाफ शिकायत की है। याचिकाकर्ता ने उल्लेख किया है कि नकली कागज के माध्यम से अधिग्रहण कर प्लॉट हड़प लिया गया। पंचनामा भी नहीं बनाया गया। एडव्होकेट ए.के. सेठी द्वारा याचिकाकर्ता की तरफ से उच्च न्यायालय में पक्ष रखा गया है। दूसरी और सिद्धी विनायक संस्था डिफाल्टर हो गई थी, उसके बावजूद भी यूडीए ने उक्त प्लॉट किर्तिका मोड़ को विक्रय कर दिया।

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