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संध्या यादव बनी रतलाम रेल मंडल की पहली महिला लोका पायलट


Ujjain @ देश भर में रेल चलाने के लिए वैसे तो गिनती की ही लोको पायलेट है, लेकिन अपने आप में बड़ा नाम कर रतलाम मंडल की पहली अकेली पायलेट बनी उज्जैन की संध्या यादव। इससे पहले मुंबई में भी महिला को रेल चलाते हमने देखा है, लेकिन वो भी वहां लोकल ही चलती है। संध्या ने १० साल की नौकरी में मंडल में नाम कर पायलेट बनी और आज उज्जैन से भोपाल मालगाड़ी लेकर रवाना हुई।  

       उज्जैन स्टेशन पर आज भोपाल की और जा रही मालगाड़ी के इंजन की पूजा करती हुई ये है उज्जैन निवासी संध्या यादव .रतलाम मंडल में आज संध्या का नाम पायलेट के रूप में दर्ज हुआ है और संध्या को रतलाम मंडल की पहली महिला पायलेट बनने का गौरव मिला है। आज संध्या ने मालगाड़ी पर जाने से पहले अपने छोटे-छोटे बच्चों को बॉय किया और मालगाड़ी के इंजन की पूजा की। जिसके बाद इंजन के पर फटाके फोड़े गए। माना जा रहा है की मंडल की पहले और अकेली संध्या लड़की है जो मालगाड़ी की पायलेट बनी है और संध्या का सपना है की जल्द ही रेलवे के नियमनुसार जल्दी और उनक बाकी की यात्रा पूरी कर देश की पहली लम्बी दुरी की यात्री गाडी चलाने वाली पायलेट बने। इस मोके पर उज्जैन रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में कर्मचारी मोजूद थे 

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