वाट्सएप, फेसबुक पर नहीं धर्म शिक्षा से मिलते हैं संस्कार
गर्मी की छुट्टियों में मोबाईल और गेम्स से दूर रहकर बच्चे सीख रहे संस्कारों का पाठ
उज्जैन। फेसबुक, व्हाट्सएप, मोबाईल, कम्प्यूटर कितना ही चला लो इससे ना तो जीवन में कोई बदलाव आएगा न ही संस्कार मिलेंगे। जीवन में संस्कार पाने के लिए धर्म की शिक्षा बेहद जरूरी है। धर्म ही सद्मार्ग को प्रशस्त करता है और जीवन को सुखमयी बनाता है।
उक्त बात श्री अलौकिक पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ हासामपुरा के तत्वावधान में चल रहे पांच दिवसीय सम्यग्ज्ञान संस्कार शिविर में मुनिराज कीर्तिनत्नविजयजी महाराज ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहे। शिविर संयोजक अशोक जैन के अनुसार शिविर में उज्जैन सहित अन्य शहरों से आए करीब 100 बच्चे मोबाईल, वाट्सएप गेम्स से दूर रहकर धर्म शिक्षा व संस्कारों क पाठ पढ़ रहे हैं। रात्रि भोजन, कंदमूल, फास्ट फूड का त्याग कर जैन धर्म के संपूर्ण नियमों का पालन कर रहे हैं। संस्कारदाता मुनिराज कीर्तिरत्न विजयजी म.सा. एवं मुनि प्रशांतरत्न विजयजी म.सा. द्वारा बच्चों को सुसंस्कारी बनाया जा रहा है। हासामपुरा जैन तीर्थ में चल रहे शिविर में बच्चे ध्वज वंदन, ध्यान योगा, मेमोरी टेस्ट, धार्मिक ज्ञान के साथ संस्कारों की प्रेरणा, भावभक्ति पूर्वक अष्टप्रकारी पूजा, प्रभु भक्ति, नृत्य गान के साथ कला और अन्य खेल गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। ट्रस्टी राहुल कटारिया, राजेन्द्र बांठिया एवं सुनील चैपड़ा के अनुसार 11 मई से प्रारंभ हुआ यह शिविर 15 मई तक चलेगा। शिविर का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ होगा जिसमें बच्चों का बहुमान किया जाएगा।