छिंदवाड़ा में राशन केंद्र पर कैरोसिन बाटते समय लगी भीषण आग, जिंदा जले लोग
छिंदवाड़ा : मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की एक सहकारी समिति में शुक्रवार को राशन बांटने के दौरान केरोसिन (मिट्टी के तेल) में अचानक भीषण आग लग गयी. इसमें 25 लोगों की झुलसने से मौत हो गयी, जबकि कई लोग घायल हो गये. हालांकि, एसपी ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त राशन लेने के लिए सैकड़ों ग्रामीण इस सहकारी समिति के भवन के सामने मौजूद थे, जबकि कक्ष के अंदर करीब तीन दर्जन लोग थे. इसी दौरान मिट्टी तेल में आग लग गयी. इससे पहले कि लोग कुछ समझ पाते मिट्टी तेल ने पूरे कक्ष को अपनी चपेट में ले लिया. इस दौरान मची अफरा-तफरी से कक्ष में मौजूद लोग बाहर भी नहीं निकल पाये.
इसी बीच, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद देने की घोषणा की है.
पीएम मोदी ने किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के छिंदवाडा में लगी आग की घटना में लोगों की मृत्यु पर शोक जाहिर किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरी संवेदना उन लोगों के साथ है जिन्होंने छिंदवाडा में आग की घटना में अपने प्रियजनों को खोया है. इस दुखद घटना को व्यक्त करना शब्दों से परे है.' सूत्रों ने बताया कि एक राशन दुकान पर केरोसीन तेल और विभिन्न अनाजों की बिक्री के दौरान भयानक आग लग गई जिसमें कम-से-कम 14 लोग मारे गये.
घटना शुक्रवार शाम तकरीबन 4:30 बजे की है। बताया जा रहा है कि केरोसिन की लाइन में लगे 25 में से दो लोग वहीं पर बीड़ी पी रहे थे। बीड़ी से ही जमीन में आग लगी और कुछ दूरी पर रखे केरोसिन के ड्रम तक पहुंच गई। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। घटना के बाद हर्रई, अमरवाड़ा, चौरई, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलवाई गईं, तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक सबकुछ राख हो चुका था। क्षेत्रीय सांसद कमलनाथ ने घटना पर शोक जताया है।
जिस ड्रम में आग लगी उसमें था 200 लीटर केरोसिन
बताया जा रहा है कि 200 लीटर के ड्रम को काटकर उसमें से केरोसिन वितरण किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक आग भभक उठी और दुकान को चपेट में ले लिया। अधिकारियों का कहना है कि आग कैसे लगी यह स्पष्ट नहीं हुआ है। सीएम ने जबलपुर कमिश्नर को जांच के आदेश दिए हैं।
अनाज की बोरियों से उठीं लपटों और धुएं से घुटा दम
सोसायटी में दो दरवाजे हैं। घटना के दौरान एक दरवाजा खुला था, जबकि दूसरा बंद था। आग लगते ही घबराए लोग खुले दरवाजे से बाहर निकलने के बजाए बंद दरवाजे की ओर भागे और अनाज की बोरियों पर चढ़ गए। धुएं और आग की लपटों से नहीं बच सके।
किसी को कड़े से तो किसी को चप्पल-जूतों से पहचाना
शव हर्रई अस्पताल की मर्चुरी में रखे गए थे। जिन लोगों के परिजन केरोसिन लेने घर से निकले थे, वे अपनों को ढूंढने वहां पहुंच गए। कोई अपनों को कड़े से पहचान रहा था तो कोई जूते-चप्पलों से। रात 9 बजे तक सभी शवों की पहचान हो चुकी थी।