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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, सरकारी योजनाओं के लिए आधार को क्यों बनाया अनिवार्य ?


कई सरकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत केंद्र सरकार से पूछा कि जब हमने सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को वैकल्पिक करने का आदेश दे दिया है तो आप इसके लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कैसे बना सकते हैं?  

सुप्रीम कोर्ट ने परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड के लिए आधार अनिवार्य बनाने को लेकर केन्द्र से सवाल किया. अटॉर्नी जनरल ने आधार पर केंद्र के कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि मुखौटा कंपनियों को कोष भेजने के लिए फर्जी पैन कार्डों का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

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Supreme Court asks Centre 'how can u make Aadhar card mandatory when we have passed an order to make it optional?'
11:25 AM - 21 Apr 2017

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Supreme Court asks Centre 'how can u make Aadhar card mandatory when we have passed an order to make it optional?'

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AG in SC: We found a no.of Pan cards being used to divert funds to shell cos,to prevent it the only option is to make Aadhar card mandatory.
11:27 AM - 21 Apr 2017

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AG in SC: We found a no.of Pan cards being used to divert funds to shell cos,to prevent it the only option is to make Aadhar card mandatory.

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In its last order Supreme Court has said that Aadhar card should not be made mandatory for Govt schemes
11:29 AM - 21 Apr 2017

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
शुक्रवार को आईटी रिटर्न फाइल करने में आधार अनिवार्य करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि वह अगले सप्ताह इस बारे में फैसला सुनाएगा कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को जरूरी किया जाना चाहिए या नहीं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा, 'आप आधार कार्ड को जरूरी कैसे कर सकते हैं, जबकि हमने इसे वैकल्पिक बनाने का आदेश पास किया था.' 

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दिया जवाब
इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार के पास अब इसे इस्तेमाल करने के लिए कानून है. सरकार का पक्ष रखते हुए रोहतगी ने कहा, 'हमने पाया है कि तमाम मुखौटा कंपनियों में फंड्स को ट्रांसफर करने के लिए पैन कार्ड्स का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करना ही एक मात्र विकल्प है.'

27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई के दौरान कहा था कि जनहित स्कीम के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड को चुनौती देती पिटीशंस पर तुरंत सुनवाई नहीं हो सकती, क्योंकि इस याचिका पर 7 जजों की एक पीठ गठित की जानी है. जो फिलहाल संभव नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी लाभार्थी को योजना के लाभों से वंचित नहीं रखा जा सकता. आधार स्कीम यूनीक अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) की देखरेख में चल रही है. 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सरकारी स्कीम्स में आधार के वॉलंटरी यूज पर रोक लगा दी थी. 

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