आपदा नियंत्रण कार्य योजना के लिये बैठक आयोजित हुई
उज्जैन । जिले में बाढ़ तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों व पूर्व तैयारियों हेतु एक बैठक गत दिनों सम्पन्न हुई। मेला कार्यालय में आयोजित इस बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी, संस्थागत ढांचा निर्माण, बाढ़ नियंत्रण कक्ष, विभिन्न समितियों का गठन, चेकलिस्ट, पूर्व चेतावनी, राहत स्थलों की पहचान, आवश्यक मरम्मत, संचार योजनाओं आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर कलेक्टर द्वारा अधिकारियों से चर्चा कर दिशा-निर्देशित किया गया।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मौसम विभाग के मुताबिक जून के दूसरे हफ्ते में वर्षा की संभावना है। इसलिये जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सूचीबद्ध करके नक्शे पर रंग अनुसार अंकित किया जाये। इस सम्बन्ध में एक नियंत्रण कक्ष भी बृहस्पति भवन में संचालित किया जायेगा। अधीक्षक भू-अभिलेख इसके प्रभारी रहेंगे। इसी तरह तहसीलों, नगरीय निकायों तथा ग्राम पंचायतों में कंट्रोल रूम बनाये जायेंगे। बाढ़ नियंत्रण के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में समिति गठित की जायेगी। इसमें पंचायत सचिव, पटवारी, कोटवार, शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंच शामिल रहेंगे। नगरीय निकाय स्तर पर नगरीय निकाय अध्यक्ष, सीएमओ, थाना प्रभारी, स्वच्छता निरीक्षक, होमगार्ड तथा जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे। इन दलों को होमगार्ड के माध्यम से राहत एवं बचाव का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। विभिन्न उपकरणों सम्बन्धी तैयारियां होमगार्ड रखेगा।
वर्षा के दौरान बाढ़ की स्थिति में पूर्व चेतावनी की सुदृढ़ व्यवस्था रखी जायेगी। गेट खुलने, पानी भरने आदि के पूर्व जानकारी पूरे आंकलन के साथ जल संसाधन विभाग, स्थानीय निकाय स्थानीय निवासियों को देगा। कलेक्टर ने आवश्यक मरम्मत कार्यों के सम्बन्ध में दिशा-निर्देशित किया। मुख्य मार्गों, सड़कों, पुल-पुलियाओं, स्टापडेम, बांध, इत्यादि की मरम्मत, रॉ मटेरियल की उपलब्धता के बारे में निर्देश दिये। वर्षा के दौरान विभिन्न बीमारियों, जीव-जन्तुओं के काटने की घटनाओं में पर्याप्त संख्या में दवाईयां व पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता, खाद्यान्न उपलब्धता पर चर्चा की गई। यह व्यवस्थाएं पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित करने को कहा गया। संचार योजना के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि दूरभाष नम्बरों की सूची तैयार की जायेगी। वायरलेस, एसएमएस इत्यादि सूचना तंत्र भी इस्तेमाल किया जायेगा। पशुओं के लिये आवश्यक व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की गई।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण तैयारियों के लिये बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिये। निचली बस्तियों में नागरिकों को चेतावनी व बाढ़ सुरक्षा के सम्बन्ध में आगाह करने, नदी-नालों के किनारे झुग्गियों को हटाने, कंट्रोल रूम स्थापना, दूरभाष नम्बरों की जानकारी, इनका व्यापक प्रचार-प्रसार, होमगार्ड्स को नाव, तैराक दलों, मछुआरों की व्यवस्था के लिये निर्देश दिये गये।
बैठक में सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे सभी पंचायतों के सरपंचों, सचिवों को ताकिद करें कि वर्षा के दौरान पुल के दोनों किनारों पर दो-दो कार्यकर्ताओं की तैनाती आठ-आठ घंटे के हिसाब से करेंगे। जब पुलिया पर पानी हो तब वाहनों के आवागमन को रोकेंगे। पुल-पुलियाओं पर सुरक्षा कार्यों की जिम्मेदारी सरपंचों व सचिवों की होगी।