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ग्लास प्रूफ अल्ट्रा लग्जरी कोच, 360 डिग्री सीट, एलईडी लाइट्स..... ये है नए जमाने की ट्रेन



सुरेश प्रभु ने रविवार को आंध्र प्रदेश में AC विस्टाडोम कोच वाली देश की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। ये विशाखापट्टनम से किरंदुल (छत्तीसगढ़) के बीच चलेगी। सफर के दौरान ट्रेन अराकू घाटी (हिल स्टेशन) से भी गुजरेगी। नए अल्ट्रा लग्जरी कोच ग्लास प्रूफ हैं। इनमें 360 डिग्री घूमने वाली सीटें, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और जीपीएस बेस्ड इनफोटमेंट सिस्टम लगाया गया है। विंडो और छत के ज्यादातर हिस्से में कांच लगे होने से टूरिस्ट-पैसेंजर 128 किलोमीटर लंबे सफर में नेचर का लुत्फ उठा सकेंगे। कांच की छत वाली स्विट्जरलैंड की ट्रेनों की तर्ज पर ये लग्जरी कोच डिजाइन किए गए हैं।

- रेलमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में लाइफ लाइन एक्सप्रेस की भी शुरुआत की। बीजेपी की नेशनल एक्जिक्यूटिव मीटिंग के चलते वो रविवार को भुवनेश्वर में थे।
- लॉन्चिंग के बाद प्रभु ने कहा, ''टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए देश में पहली बार विस्टाडोम कोच की शुरुआत हुई है। यहां फिलहाल, एक कोच लगाया है, कुछ दिन बाद दूसरा भी लगेगा। नॉर्थ-ईस्ट के कुछ ट्रेन रूट से गुजरने वाली ट्रेनों में भी ये कोच लगाए जाएंगे।''

रेल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा
- आईआरसीटीसी के चेयरमैन एके. मनोचा ने कहा था, ''प्रोजेक्ट का मकसद टूरिज्म को प्रमोट करना है। इससे घरेलू और विदेशी टूरिस्ट अट्रैक्ट होंगे। टूरिस्ट्स की सहूलियतों को देखते हुए खास कोच डिजाइन कराए गए। ताकि सफर आरामदायक और दिलचस्प हो।''
- ''इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (RDSO) और इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने मिलकर इन्हें डिजाइन किया है। एरियल व्यू की फैसिलिटी वाली पूरी स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला बाद में लिया होगा।''
- ''कांच की छत वाली ट्रेन स्विट्जरलैंड जैसे कुछ देशों में चलती हैं। उम्मीद है कि इससे लोगों को स्विट्जरलैंड की ट्रेनों में सफर करने जैसा अहसास होगा। भारत में भी रेल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।"

क्या है फैसिलिटी?
- अल्ट्रा लग्जरी कोचों में 360 डिग्री पर घूमने वाली चेयर लगाई गई हैं, ताकि पैसेंजर्स को एरियल व्यू का लुत्फ मिल सके।
- कोच एसी और ग्लास प्रूफ हैं। एलईडी लाइट्स, मल्टी-टियर लगेज रैक और मॉडर्न इनफोटमेंट सिस्टम भी लगाया गया है।
- एक कोच पर 3.38 करोड़ रुपए खर्च हुए। 40 लोग बैठ सकते हैं। चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में इन्हें तैयार किया गया है।

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