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जाधव का केस लड़ने को सामने आए उज्जवल निकम


स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर उज्जवल निकम पाकिस्तान में कैद और फांसी की सजा सुनाए गए भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए वह पाकिस्तान जाकर केस लड़ने को भी तैयार हैं.

विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया के पाकिस्तान एक बनाना रिपब्लिक है और अस्थिर सरकार वाला देश है. उज्जवल निकम ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के उस बयान पर ताज्जुब हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि फांसी की सजा सुनाए गए कुलभूषण जाधव को किसी से भी मिलने नहीं दे सकते. उज्जवल निकम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे फांसी जैसी सजा सुनाई जाती है उस व्यक्ति को काउंसलर एक्सेस नहीं देना, ये साबित करता है पाकिस्तान की ओर से लिया गया जाधव इकबालिया बयान दवाब में लिया गया है. इसलिए कहीं पाकिस्तान की पोल न खुल जाए वो उसे किसी से मिलने नहीं देना चाहते.

जाधव का इकबालिया बयान लेते वक्त उसे टॉर्चर किया गया होगा और जब ये सच्चाई सामने आ जाएगी तो पाकिस्तान एक फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो जाएगा. एडवोकेट निकम ने कहा पाकिस्तान का कानून, न्यायिक प्रक्रिया हिन्दुस्तान के कानून व्यवस्था की जैसी है, इसलिए किसी भी व्यक्ति का बयान अगर मारपीट कर लिया गया है तो कानून की भाषा में उसके कुछ मायने नहीं और इसलिए पाकिस्तान, जाधव से किसी को मिलने देने को तैयार नहीं है.

शायद जाधव जिंदा ही न हो!
विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम को ये भी लगता है कि शायद कुलभूषण जाधव के साथ अत्याचार, क्रूरता की गई होगी और हो सकता है कि जाधव ज़िंदा ही नहीं हो. इसलिए पाकिस्तान उन्हें किसी से मिलवाने की हालत में नहीं है और बहाने बना रहा है. उनका कहना है कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए जिससे पता चले कि जाधव का इकबालिया बयान खुद दिया है या फिर उससे जबरदस्ती लिया गया है.

उज्जवल निकम ने कहा कि जाधव इसलिए निर्दोष है क्योंकि ईरान सरकार ने भी कहा कि कुलभूषण जाधव ईरान में अपने व्यवसाय के संबंध में काम कर रहे थे. पाकिस्तान के खिलाफ हिंदुस्तान ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है इससे बचने किए किये पाकिस्तान इस तरह की गलत बयानबाजी पर उतर आया है कि जाधव भारतीय जासूस है.

ट्रम्प कहें तो जाधव मामले में रीट्रायल कर सकता है पाक
अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत को किस तरह के कदम उठाने चाहिए इसपर एडवोकेट उज्जवल निकम ने बताया के हिंदुस्तान एक ऐसा देश है जो लोकतंत्र का सम्मान सही मायने में किया जाता है, इसी कारण से अजमल कसाब जैसे खूंखार आतंकी को क़ानूनी लड़ाई लड़ने के लिए दो-दो वकील दिए थे. पाकिस्तान अपना अड़ियल रवैया अपनाए हुए है. इस पेचीदा स्थिति में भारत को अमेरिका के ट्रम्प बाबा को समझना होगा कि जिस पाकिस्तान को अमरीका लगातार मदद करते चला आ रहा है वो अस्थिर पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. अगर ट्रम्प बाबा मान गये तो पाकिस्तान को अमेरिका की बात सुननी पड़ेगी.

UN की देखरेख में हो कानूनी कार्रवाई
एडवोकेट उज्जवल निकम ने अनुरोध किया है कि जाधव केस को दोबारा, नए सिरे से पाकिस्तान की न्यायपालिका में लड़ा जाए, ताकि इस कानूनी कार्रवाई को इंडियन कॉन्सुलेट और संयुक्त राष्ट्र संघटन का प्रतिनिधि नजर रख सके, जिससे दुनिया को विश्वास हो कि पाकिस्तान ने जाधव को खुद को बेगुनाह साबित करने का पूरा मौका दिया.

पाक जाकर जाधव की वकालत को तैयार 
एडवोकेट उज्जवल निकम ने पाकिस्तान को चुनौती दे डाली की. अगर पाकिस्तान में नए सिरे से जाधव का केस की सुनवाई की जाएगी तो वो खुद पाकिस्तान में जाकर कुलभूषण जाधव का केस लड़ेंगे क्योंकि पाकिस्तान का कोई भी वकील जाधव को कानूनी मदद देने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए एडवोकेट उज्जवल निकम पाकिस्तान में जाकर पाकिस्तान की अदालत में जाधव की तरफ से वकालत करने को तैयार हैं. निकम को विश्वास है कि वो जाधव को निर्दोष साबित करके हिन्दुस्तान वापस लाएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि पाकिस्तान के पास जाधव के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है, लेकिन हिंदुस्तान को अंतराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिए पाकिस्तान ने ये नई चाल चली है.

पाकिस्तान में उज्जवल निकम को वकालत करने की इजाजत पाकिस्तान नहीं देगा. इसीलिए सुरक्षा परिषद को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ेगा क्योंकि पाकिस्तान ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है, जेनेवा कन्वेंशन का उलंघन किया है. ऐसे हालात में जाधव जो कि एक विदेशी नागरिक है पाकिस्तान में उसे इंसाफ कैसे मिलेगा? वरिष्ठ वकील निकम ने कहा कि कुलभूषण जाधव को बचाना एक मात्र काम नहीं है. हिंदुस्तान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है और इसलिए हर कोई चाहेगा कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. सच्चाई दुनिया के सामने लाई जाएं. सुरक्षा परिषद को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए भारत को दबाव बनाना होगा.

उज्जवल निकम ने कहा कि पाकिस्तान ये बता दे कि उसके पास जाधव के खिलाफ क्या सबूत हैं. पाकिस्तान और हिंदुस्तान का कानून एक जैसा है, अगर कोई आरोपी खुद के इकबालिया बयान से हट जाता है तो आरोपी के खिलाफ सबूत देना होता है, इसीलिए जाधव को दुनिया के सामने नहीं लाया जा रहा है. सिर्फ इकबालिया बयान पर अगर जाधव को फांसी दी जा रही है तो पाकिस्तान ने हिंदुस्तान को बदनाम करने के लिए ये मनगढ़ंत मामला बनाया है.

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