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भारतीय विकास की धुरी लक्ष्मी स्वरूपा महिला ही है


 

डॉ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला में ‘विकास की भारतीय अवधारणा एवं महिला’ विषय पर बोली राजस्थान वित्त आयोग अध्यक्ष 

उज्जैन। भारतीय विकास की धुरी लक्ष्मी स्वरूपा महिला ही है। विकास समग्रता में पल्लवित होता है, केवल अर्थ नहीं वरन चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का सामंजस्य भारतीय विकास की अवधारणा को आधार प्रदान करता है। गीता के श्लोकों में भारतीय विकास ध्वनित होता है। विकास का पाश्चात्य सिद्धांत तन, मन और पर्यावरण को प्रदूषित करता है जबकि भारतीय संस्कृति का विकास यज्ञ में निहित है जो पर्यावरण को शुद्ध करता है।

उक्त बात डॉ. हेडगेवार जन्म शताब्दी स्मृति सेवा न्यास द्वारा आयोजित डॉ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला के दूसरे दिन मंगलवार रात राजस्थान वित्त आयोग अध्यक्ष डॉ. ज्योतिकरण शुक्ल ने ‘विकास की भारतीय अवधारणा एवं महिला’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कही। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की आचार्य एवं अध्यक्ष डॉ. प्रेमलता चुटैल करेंगी। डॉ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला समिति अध्यक्ष गिरीश भालेराव एवं सचिव राजेश पाटीदार के अनुसार सोमवार रात 8.30 बजे से तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का महाकाल मंदिर के समीप माधव सेवा न्यास में शुभारंभ हुआ। संचालन डाॅ. मनीषा ठाकुर ने किया तथा आभार जीवन प्रकाश आर्य ने माना। डाॅ. हेडगेवार स्मृति व्याख्यानमाला के 31वें आयोजन में अंतिम दिन आज जीवन प्रबंधन विषय पर गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज व्याख्यान देंगे। अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद विवेक पारस्कर करेंगे। 

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