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शिक्षा के क्षेत्र में आया बदलाव, शिक्षा के जरिये युवाओं का मिल रहे बेहतर अवसर


 

      उज्जैन । शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की तरफ राज्य सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। युवाओं को उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन करने के बेहतर अवसर मिले हैं। शिक्षा के क्षेत्र के विकास के लिये प्रभावी प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के जरिये प्रायवेट स्कूलों में वंचित वर्ग के बच्चों के लिये न्यूनतम 25 प्रतिशत सीट पर प्रवेश सुनिश्चित किया गया है। प्रत्येक बच्चा स्कूल जा सके, इसके लिये प्रतिवर्ष जनभागीदारी के माध्यम से स्कूल चलें हम अभियान को व्यापक जन-आन्दोलन का रूप दिया गया। शिक्षा विभाग में विभिन्न योजनाएं लागू कर शिक्षा के सुधार में बेहतर प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये गये हैं।

प्रोत्साहन योजना

      शासकीय शालाओं में बच्चे मन लगाकर पढ़ सकें, इसके लिये सरकार ने अनेक प्रोत्साहन योजनाओं की शुरूआत की है। नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना में कक्षा 1 से 12 तक सभी शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसी प्रकार नि:शुल्क सायकल योजना में कक्षा 9वी में पढ़ने वाले ऐसे छात्र, जिनके गांव में स्कूल नहीं है, उन्हें सायकल उपलब्ध करवाई गई और ऐसे छात्र जो कक्षा 5वी पास कर कक्षा 6टी में प्रवेश लेते हैं और उनके गांव में माध्यमिक शाला नहीं है, तो उन्हें भी सायकल उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिये लेपटॉप देने की योजना शुरू की गई। इस योजना में कक्षा 12वी में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को लेपटॉप उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिये अनेक कार्य

      शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार की तरफ भी विशेष ध्यान दिया गया है। कक्षा 1 और 2 में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दक्ष करने के लिये विशेष प्रशिक्षण दिलवाया गया। गुणवत्ता का निरन्तर अध्ययन करने के लिये शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिभा पर्व कार्यक्रम किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता की सही स्थिति का आंकलन करना और बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों के प्रति शिक्षकों, शिक्षा प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को उत्तरदायी बनाना है। शिक्षा के क्षेत्र में गुड गवर्नेंस के लिये इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी का उपयोग भी किया जा रहा है। एजुकेशन पोर्टल को सर्वश्रेष्ठ ई-गवर्नेंस का पुरस्कार भी भारत सरकार द्वारा दिया गया है। पोर्टल में सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों की वेतन सम्बन्धी जानकारी को कम्प्यूटराईज्ड कर यूनिक कोड तैयार किया गया है। पढ़ने वाले बच्चों में खेलों के प्रति रूचि जागृत करने के लिये भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

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