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जीएसटी बिल को मिली राज्यसभा में भी मंजूरी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया बिल का समर्थन


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयकों को पारित किए जाने का स्वागत किया।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयकों को पारित किए जाने का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने इस बात को नजर अंदाज करने का प्रयास किया कि जीएसटी उनके कार्यकाल में पारित नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि जो बीत गया वो बीत गया। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पासा पलटने वाली होगी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि इसके क्रियान्वयन में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक सहयोग होना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या इस उपाय से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को बढ़ाने में मदद मिलेगी, सिंह ने कहा कि यह पासा पलटने वाला हो सकता है। लेकिन हमें यह नहीं मानना चाहिए कि इसके रास्ते में दिक्कत नहीं आएगी। संघीय सरकार और राज्यों को लंबित मुद्दे सुलझाने के लिए रचनात्मक सहयोग की भावना से काम करना चाहिए। राज्यसभा में बिना किसी संसोधन के जीएसटी पर मुहर लग गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश जीएसटी बिल में एक संशोधन चाहते थे, लेकिन मनमोहन सिंह ने उन्हें रोक लिया। जीएसटी पास होने के बाद एक निजी चैनल से बात करते हुए भी मनमोहन सिंह ने जीएसटी को एतिहासिक बिल बताया। उन्होंने इसके पास होने पर खुशी भी जताई।

मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि बिल को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में जो मतभेद होगा उनको भी दूर करने की पूरी कोशिश की जाएगी। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि जीएसटी का क्रेडिट कोई सरकार अकेले नहीं ले सकती। उनसे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी यही बात कही थी।

राज्य सभा में जीएसटी बिल को धन विधेयक के तौर पर पेश किया गया था। इसको लेकर विपक्षी नेताओं में नाराजगी थी। उन्होंने इसको धन विधेयक की तरह ना लेकर आने के लिए भी कहा था।

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