गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अखण्ड हिस्सा, किसी भी प्रकार के बदलाव का प्रयास पूरी तरह अस्वीकार्य
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रांत घोषित करने के कदम की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर सहित पूरा जम्मू एवं कश्मीर भारतीय क्षेत्र का हिस्सा है. बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य भर्तृहरि महताब द्वारा शून्यकाल के दौरान मुद्दा उठाए जाने के बाद मंत्री की यह टिप्पणी सामने आई है. महताब ने पाकिस्तान के कदम पर सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े किए और कहा कि लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों को पाकिस्तान के इस कदम की निंदा करने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए.
महताब ने कहा, "पाकिस्तान सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां प्रांत घोषित करने का एकपक्षीय फैसला किया है. बंटवारे के वक्त, गिलगित तथा बाल्टिस्तान में एक ब्रिटिश राजनीतिक एजेंट ने पाकिस्तानी सैनिकों को इलाके को कब्जे में लेने की मंजूरी दी, जबकि भारतीय संविधान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को हमारे देश के अखंड हिस्से के रूप में मान्यता प्रदान की है."
उन्होंने कहा कि हाल ही में ब्रिटिश संसद ने इस्लामाबाद के इस कदम की निंदा के लिए एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर का हिस्सा है और पाकिस्तान ने सन् 1947 में उसपर अवैध तौर पर कब्जा कर लिया था. प्रतिक्रियास्वरूप सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के कदम को खारिज किया है और कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के भारत के अभिन्न हिस्सा होने के सरकार के रुख पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा, "आपको पाकिस्तान का कदम दिखाई दिया, लेकिन हमने जो किया वह नजर नहीं आया. बिना वक्त बर्बाद किए हमने इसे खारिज किया और संसद के दोनों सदनों ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला इलाके सहित पूरा जम्मू एवं कश्मीर हमारा है. उन्होंने कहा, "इस सरकार ने हमेशा कहा है कि कश्मीर हमारा है, जहां मुखर्जी (भारतीय जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद) शहीद हुए थे. इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए."
मुद्दे पर लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति में किसी भी प्रकार के बदलाव का प्रयास पूरी तरह अस्वीकार्य है. लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वी.के.सिंह ने कहा, "सरकार ने रिपोर्ट देखी है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सिफारिश की है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय राज्य जम्मू एवं कश्मीर का हिस्सा तथाकथित 'गिलगित-बाल्टिस्तान' को अस्थायी तौर पर प्रांत का दर्जा दिया जाए."
उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर हमारा अटल रुख है कि समस्त जम्मू एवं कश्मीर राज्य भारत का अखंड हिस्सा है. पाकिस्तान के अवैध तथा जबरन कब्जे के तहत क्षेत्र के किसी भी हिस्से में बदलाव करने को लेकर किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह पूरी तरह अस्वीकार्य है."
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने संघ शासित कबायली इलाकों (एफएटीए) के सुधार से संबंधित समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी, जिसमें कबायली इलाकों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शामिल करना तथा फ्रंटियर क्राइम्स रेग्युलेशन (एफसीआर) को निरस्त करना शामिल है. कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि एफएटीए, गिलगित-बाल्टिस्तान तथा आजाद जम्मू एवं कश्मीर को उनका अधिकार दिया जाएगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि साल 2018 के एसेंबली चुनाव में एफएटीए के लोग अपना प्रतिनिधि चुन सकें, इसके लिए संविधान में आवश्यक सुधार किए जाएंगे. वहीं, बुधवार को अपने बयान में सिंह ने कहा, "पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जा किए गए सभी इलाकों को तत्काल खाली करना चाहिए." उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की स्थिति में किसी भी तरह का बदलाव मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन, शोषण तथा इन इलाकों को मुक्त करने को छिपा नहीं सकता." सिंह ने कहा, "इस मामले में हमने अपने रुख से अंतर्राष्ट्रीय वार्ताकारों को अवगत करा दिया है."