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अलगावंवादियों ने आज किया कश्मीर बंद, सेना की एनकाउण्टर के दौरान स्नानीय लोगों की पत्थरबाजी में हो गई थी तीन स्थानीय नागरिकों की मौत


श्रीनगर: कश्मीर घाटी में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. तीन युवकों की मौत के बाद अलगाववादियों ने आज राज्यभर में बंद बुलाया है. विश्वविद्यालयों ने आज होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी है. बारामूला और बनिहाल के बीच की ट्रेन सेवाएं आज के लिए स्थगित की गई हैं. दरअसल, जम्मू-कश्मीर के बडगाम में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना पड़ा. एक तरफ आतंकी चुनौती दे रहे थे तो दूसरी तरफ स्थानीय नागरिक पत्थरबाज़ी कर आतंकियों को कवर दे रहे थे. ये लोग सुरक्षाकर्मियों की मुश्किल बढ़ाए हुए थे. इस दोहरी चुनौती के चलते लंबी खिंची मुठभेड़ में एक आतंकी को ढेर किया गया और 60 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं. इनमें CRPF के 43 और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 20 जवान शामिल हैं. इस बीच तीन आम नागरिकों की भी मौत हो गई. बडगाम के चदूरा इलाके में सुबह दो आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी. इसके बाद तलाशी अभियान शुरू हुआ, लेकिन दिनभर स्थानीय पत्थरबाज़ जिन पर आतंकियों से सहानुभूति रखने का आरोप है वे रह रहकर सुरक्षाबलों के लिए बाधा बन रहे थे.

यह पहली बार नहीं है जब आतंकी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव हुआ हो. ऐसा पहले कई बार हुआ है जिसकी वजह से आतंकी भाग निकले में भी सफल रहे हैं. मारे गए आतंकी के पास से हथियार भी बरामद हुए हैं. आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान ही इलाके में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए पहले आंसू गैस के गोले दागे गए. तनाव रोकने के लिए पहले पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की लेकिन जब हालात नहीं सुधरे तो पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा चार अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है. (बडगाम एनकाउंटर : सुरक्षाबलों ने रॉकेट लॉन्चर से उड़ाया मकान, आतंकी हुआ ढेर)

सीआरपीएफ के डीआईजी डॉ संजय कुमार ने कहा कि ऑपरेशन बहुत मुश्किल था. हमें दो मोर्चों पर लड़ाई लड़नी पड़ रही थी. एक तरफ आतंकवादी थे तो दूसरी तरफ स्थानीय लोग जो पत्थरबाजी कर रहे थे. पत्थरबाज़ी में CRPF के 43 जवान घायल हुए हैं और मुझे बताया गया है कि पुलिस के भी 20 जवान घायल हुए हैं. वहीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने युवाओं के आतंक से जुड़ने पर अफसोस जताया. उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव को गलत ठहराया. साथ ही मुठभेड़ वाले इलाक़ों से बच्चों को दूर रखने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हिंसा से कुछ हासिल नहीं होता. बस कब्रिस्तान और श्मशान ही आबाद हुए हैं और कुछ नहीं हुआ. बहके आतंकियों को घरवाले समझाएं.

इससे पहले संदिग्ध आतंकियों ने कुलगाम जिले के रेडवानी में एक पुलिस वाले के घर पर हमला कर दिया. घर में तोड़फोड़ की गई. ये तीन दिनों में किसी पुलिसवाले पर तीसरी हमला है. इसके पहले रविवार को बडगाम के हफरू गांव में एक पुलिस वाले की गाड़ी को आग लगा दी. हमले के वक्त पुलिसवाला बारामूला में ड्यूटी पर तैनात था. इसके अलावा सोमवार शाम को संदिग्ध आतंकियों पर शोपियां ज़िले के दियारू में आतंकियों ने एक पुलिस वाले के परिवार को धमकाने का आरोप लगा.

निशाने पर पुलिसवाले

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