बीएसएफ को मिली पहली महिला कमाण्डर, राजस्थान की तनुश्री पारीक को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया सम्मानित
देश की महिलाएं चुनौती वाले क्षेत्रों में भी बढ़चढ़ कर न केवल हिस्सा ले रही हैं, बल्कि अपने साहस से नितनई शौर्यगाथाएं भी लिख रही हैं. वैसे तो सुरक्षा के लगभग हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान कायम कर चुकी हैं, मगर सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ अभीतक इनसे अछूता था. राजस्थान की तनुश्री ने बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट बनकर इस कमी को भी पूरा कर दिया.
राजस्थान की तनुश्री पारीक देश की पहली बीएसएफ महिला अधिकारी बन गई हैं. बीएसएफ अकादमी में आयोजित दीक्षांत समारोह के बाद वह एक अधिकारी बन गईं. उन्होंने दीक्षांत परेड का नेतृत्व भी किया. उन्हें इस मौके पर सम्मानित किया गया.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तनुश्री के अधिकारी बनने पर कहा, "इस बात की खुशी है कि बीएसएफ को पहली फील्ड ऑफिसर मिली है. उम्मीद करता हूं कि और भी महिला अधिकारी आ रही हैं, जो सीमाओं की सुरक्षा करेंगी. सेना और अर्धसैनिक बलों में महिला अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन कर रही हैं."
तनुश्री ने टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में देश की पहली महिला अधिकारी (असिस्टेंट कमांडेंट) के रूप में हिस्सा लिया. उन्होंने बीएसएफ अकादमी में अधिकारियों के 40वें बैच में बतौर सहायक कमांटेंड 52 हफ्तों का प्रशिक्षण लिया था.
तनुश्री पारीक राजस्थान में बीकानेर की रहने वाली है. वह बताती हैं कि उन्हें बचपन से भी सेना में जाने की लगन थी और स्कूल टाइम में उन्होंने एनसीसी में हिस्सा लिया था.