समर्थकों के लिए योगी का बयान ‘उत्सव के नाम पर उपद्रव नहीं होना चाहिए’
लखनऊ: अपनी सख्त छवि के लिए पहचाने जाने वाले यूपी के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना पहला निर्देश राज्य की कानून-व्यवस्था से संबंधित दिया है. उन्होंने आला अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग में कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर 'उत्सव के नाम पर उपद्रव नहीं होना चाहिए.' योगी आदित्यनाथ की रात करीब नौ बजे आला अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग हुई. उसमें उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के जश्न के माहौल के बीच पूरे राज्य में किसी प्रकार की शांति भंग नहीं होनी चाहिए और आम-जनजीवन प्रभावित नहीं होना चाहिए.
इससे पहले शनिवार को योगी आदित्यनाथ के नाम पर बीजेपी विधायक दल की हुई बैठक में मुहर लगाई गई. इनके साथ ही बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया है. केशव प्रसाद मौर्य जहां बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष हैं, वहीं दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर हैं. विधायक दल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि बैठक में किसी दूसरे नाम का प्रस्ताव नहीं आया और योगी के नाम का सबने समर्थन किया.
नायडू ने बताया कि वरिष्ठ विधायक सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा. स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 11 लोगों ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया, जिसके बाद सभी विधायकों ने खड़े होकर प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिले दो तिहाई बहुमत को जाति तथा धर्म आधारित राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनादेश करार देते हुए कहा कि भाजपा का मुख्य एजेंडा तीव्र विकास और सुशासन होगा.
उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर 2:15 बजे योगी आदित्यनाथ का शपथ ग्रहण होगा जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी मौजूद होंगे.