राहुल गांधी का सलाहकार कभी नहीं बनूंगा - अमित शाह
मुंबई: यूपी चुनाव में हार के कारण कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सोशल मीडिया पर ही निशाना नहीं बनाया जा रहा है बल्कि सार्वजनिक मंचों पर भी उनका मजाक बनाया जा रहा है. शुक्रवार को मुंबई में भी ऐसा ही वाकया सामने आया जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से सवाल किया गया कि क्या वे राहुल गांधी के सलाहकार बनना चाहेंगे? इसके जवाब में शाह ने कहा कि वे राहुल गांधी के सलाहकार कभी नहीं बनना चाहेंगे. कांग्रेस के नेतृत्व में कमजोरी से यूपी चुनाव में सफलता मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रतिद्वंदियों की कमजोरी पर निर्भर नहीं रहती. इंडिया टुडे कॉनक्लेव में शाह ने यह बात कही.
यूपी में शानदार जीत हासिल करने वाली बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार यूपी को ‘बीमारू’ के ठप्पे से मुक्त कराएगी. उन्होंने कहा कि अब भारतीय राजनीति में विकास ही आगे का रास्ता है. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार देश के इस सबसे बड़े राज्य की नौकरशाही में जातिगत पूर्वाग्रह को खत्म करेगी. अमित शाह ने कहा कि यूपी के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला शनिवार को ले लिया जाएगा.
बीजेपी अब गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में आने वाले समय में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने वाली है. अमित शाह ने कहा कि ‘‘हम इन राज्यों में होने वाले चुनावों की तैयारी कर रहे हैं. अभी देश के 58 फीसदी क्षेत्रफल में भाजपा की राज्य सरकारें हैं. केंद्र में हमारी सरकार होने के अलावा हमारे गठबंधन सहयोगियों को मिलाकर देश के 65 फीसदी क्षेत्रफल पर हमारी सरकारें हैं.’’
अमित शाह ने कहा कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सलाह देने का काम ‘‘कभी स्वीकार नहीं करेंगे.’’ उनसे जब पूछा गया कि हाल के चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद यदि उनसे राहुल गांधी को सलाह देने को कहा जाए तो वह क्या करेंगे? इस पर शाह ने कहा, ‘‘मैं यह काम कभी स्वीकार नहीं करूंगा.’’ उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्हें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिंता करने की तब तक कोई जरूरत नहीं है जब तक कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं, तो शाह ने कहा कि‘‘हम अपने प्रतिद्वंद्वियों की कमजोरी पर निर्भर नहीं रहते.’’
अमित शाह ने गोवा और मणिपुर में बीजेपी की सरकार बनाए जाने को सही ठहराया. दोनों राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी और बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी थी. गोवा और मणिपुर में पिछले दरवाजे से सत्ता में दाखिल होने के आरोप को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि भगवा संगठन को इन राज्यों में सबसे ज्यादा वोट मिले जबकि कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है.