नोटबंदी पर लगी चुकी जनता की मुहर, अब सरकार लेगी अन्य सख्त फैसले
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अभूतपूर्व जीत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को एक नया बल दिया है. विपक्ष ने जिस नोटबंदी की योजना को लेकर चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री पर हमला बोला वो उनके (नरेंद्र मोदी के) लिए वरदान बन गया. सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस द्वारा सवाल खड़ा करना भी शायद जनता को रास नहीं आया और यही वजह रही कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को मतदाताओं ने सिरे से खारिज करते हुए भाजपा को 300 से ज़्यादा सीटों पर विजय दिलाई.
अब जबकि लगभग 15 साल के बाद एक बार फिर से भाजपा अपने अकेले दम पर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है, तो ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अब कुछ कड़े फैसले लेने की योजना बना सकती है.
(1) बेनामी संपत्ति
एनडीए की अगुवाई वाली नरेंद्र मोदी सरकार बेनामी संपत्ति को लेकर ठोस कदम उठा सकती है. इससे जुड़ा कानून पहले से पास है और अब सरकार उसे जल्द ही लागू कर सकती है. इससे पहले बेनामी संपत्ति रखने वालों पर मोदी सरकार ने कड़ा रुख दिखाया था. जिसके तहत आयकर विभाग ने बीते 30 जनवरी को देशभर में 87 लोगों को नोटिस भेजा वहीं 42 की प्रॉपर्टी को कुर्क करने का आदेश दिया. सरकार ने ये आदेश आयकर विभाग ने नई बेनामी विनिमय कानून के तहत जारी किए थे.
इस कानून के तहत अगर कोई दोषी पाया जाता है तो भारी जुर्माना और अधिकतम सात साल के सश्रम कारावास के प्रावधान हैं. मोदी सरकार ने आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने सार्वजनिक इश्तहार जारी किया जिसमें सरकार ने स्पष्ट किया था कि अगर किसी व्यक्ति ने बिना हिसाब के पैसे जमा किए तो इसे बेनामी संपत्ति माना जाएगा. और ऐसे लोगों पर बेनामी संपत्ति विनिमय अधिनियम, 1988 के तहत आपराधिक आरोप लगेंगे.
(2) नोटबंदी में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई
नोटबंदी के दौरान कई ऐसे निजी बैंकों के मामले सामने आए थे, जिसमें ग़लत तरीके से पुराने नोटों को बदलने का काम चल रहा था. उस दौरान केंद्र ने आदेश जारी करते हुए सभी बैंक अधिकारियों से बैंक परिसर के सीसीटीवी फुटेज को संभाल कर रखने के लिए कहा था. इतना ही कुछ आयकर आधिकारियों के घर से नए नोट भी भारी मात्रा में बरामद किए गए थे. ऐसे में केंद्र सरकार नोटबंदी के दौरान गड़बड़ी करने वालों पर सख्ती दिखा सकती है.
(3) सब्सिडी में कटौती संभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरंभ से ही कई अवसरों पर ऐसे लोगों से सब्सिडी छोड़ने को कह चुके हैं जो आसानी से ख़र्च वहन कर सकते हैं. ताकि जरूरतमंदों के घर में एलपीजी पहुंचाई जा सके. उनकी अपील का ही नतीजा है कि पिछले तीन सालों में करीब डेढ़ लाख लोगों ने एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ी दी है.
(4) बैंक डिफॉल्टर पर सख्त
बैंकों से भारी मात्रा में कर्ज लेकर उसे न चुकाने वालों पर भी मोदी सरकार सख्त कदम उठा सकती है. ताकि बैंकों को उसका पैसा वापस मिल सके और ऐसा करने वालों में कड़ा संदेश जाए.
ऐसे ही एक मामले में विजय माल्या के ऊपर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है. वह पिछले साल (2016) दो मार्च को भारत छोड़कर चले गये.
(4) गोल्ड मोनेटाइजेशन (सोने का मुद्रीकरण) में सख्ती
केंद्र सरकार मुद्रीकरण के लिए सोने का इस्तेमाल करने की योजना को सख्त कर सकती है.